हर साल 44,000 करोड़ का खाद्यान्न बर्बादः पवार

नयी दिल्ली: सरकार ने आज माना कि भंडारण करने की पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में हर साल करीब 44,000 करोड़ रुपये मूल्य के फल, अनाज और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं.खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री शरद पवार ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि फलों और सब्जियों की वार्षिक बर्बादी का मूल्य करीब 13,309 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2013 5:51 PM

नयी दिल्ली: सरकार ने आज माना कि भंडारण करने की पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में हर साल करीब 44,000 करोड़ रुपये मूल्य के फल, अनाज और सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं.खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री शरद पवार ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि फलों और सब्जियों की वार्षिक बर्बादी का मूल्य करीब 13,309 करोड़ रुपये था. लेकिन अगर चावल, गेहूं और दालों की वार्षिक बर्बादी को देखा जाए तो यह राशि 44,000 करोड़ रुपये हो जाएगी.

उन्होंने कंवरदीप सिंह के पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि अतिरिक्त भंडारण क्षमता सृजन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. कुछ राज्यों ने इसमें गहरी रुचि भी दिखाई है.

पवार ने कहा कि वर्ष 2012 में योजना आयोग द्वारा गठित डॉ सौमित्र चौधरी समिति ने देश में 6.113 करोड़ टन की कोल्ड स्टोरेज क्षमता की जरुरत बताई थी. जबकि वर्तमान क्षमता करीब 2.9 करोड़ टन की है. यह अंतर 3.2 करोड़ टन की है.उन्होंने बताया कि देश में कोल्ड स्टोरेज बुनियादी सुविधाओं के सृजन के लिए संयंत्र और मशीनरी तथा तकनीकी कार्यो की कुल लागत की सामान्य क्षेत्रों में 50 फीसदी की दर से और पूर्वोत्तर राज्यों सहित दुर्गम क्षेत्रों में 75 फीसदी की दर से अधिकतम 10 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता मुहैया कराई जाती है.

इसके अलावा सरकार की विभिन्न योजनाओ के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के प्रयास भी जारी हैं.

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