लोकसभा में पहली बार मीरा ने किया नियम -374 “ए” का उपयोग, 12 सासंद निलंबित
नयी दिल्ली: सदन की कार्यवाही लगातार बाधित कर रहे आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले 12 सांसदों पर कडी कार्रवाई करते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आज उन्हें एक ऐसे नियम के तहत पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया, जिसका पहली बार इसतेमाल किया गया.राज्यसभा में उप सभापति पी जे कुरियन ने तेदेपा […]
नयी दिल्ली: सदन की कार्यवाही लगातार बाधित कर रहे आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले 12 सांसदों पर कडी कार्रवाई करते हुए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आज उन्हें एक ऐसे नियम के तहत पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया, जिसका पहली बार इसतेमाल किया गया.राज्यसभा में उप सभापति पी जे कुरियन ने तेदेपा के दो सदस्यों के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की चेतावनी दी लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाये क्योंकि अन्नाद्रमुक और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया. आंध्र के सांसदों के विरोध के कारण आज सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद लोकसभा में अध्यक्ष ने कांग्रेस के आठ और तेदेपा के चार सदस्यों के नाम ‘गंभीर अव्यवस्था’ फैलाने की वजह से लिये. एकीकृत आंध्र की मांग कर रहे ये सभी 12 सदस्य आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों से हैं.
कार्रवाई लोकसभा की नियमावली के नियम-374 (ए) के तहत की गयी.
नियम 374 .(ए).कहता है, नियम 373 और 374 में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी किसी सदस्य द्वारा अध्यक्ष के आसन के निकट आकर अथवा सभा में नारे लगाकर या अन्य प्रकार से सभा की कार्यवाही में बाधा डालकर लगातार और जानबूझकर सभा के नियमों का दुरुपयोग करते हुए घोर अव्यवस्था उत्पन्न किए जाने की स्थिति में अध्यक्ष द्वारा सदस्य का नाम लिए जाने पर वह सभा की सेवा से लगातार पांच बैठकों के लिए या सत्र की शेष अवधि के लिए , जो भी कम हो , स्वत. निलंबित हो जाएगा. ’’ इस नियम के तहत उनके नाम लिए जाने के बाद अध्यक्ष ने कह, इसके साथ ही अब आप . नामित सदस्य . सदन से बाहर जाइए.’’ इसके बाद उन्होंने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.कार्यवाही पुनः शुरु होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही में बाधा डालने वाले 12 सदस्यों के नामों का उल्लेख किया.अध्यक्ष ने जिन सदस्यों के नाम लिए , वे हैं . तेदेपा के निमल्ला क्रिष्टप्प, एम वेणुगोपाला रेड्डी, निरमल्ली शिवप्रसाद और के नारायण राव तथा कांग्रेस के ए साई प्रताप, अनंत वेंकटरामी रेड्डी, एल राजगोपाल, एम श्रीनिवासुलु रेड्डी, अरुण कुमार वुंडावल्ली , जी वी हर्ष कुमार, बापी राजू कानूमुरी और सब्बम हरि. गौरतलब है कि पांच अगस्त से शुरु हुए संसद सत्र के पहले दिन से ही ये सदस्य एकीकृत आंध्र की मांग को लेकर सदन में लगातार नारे लगा रहे थे जिसके कारण बार बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और महत्वपूर्ण विधायी कामकाज नहीं हो सका.
इन सांसदों के हंगामे की वजह से अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्योके अलावा खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा नहीं शुरु हो पा रही थी. 15वीं लोकसभा में सदस्यों के निलंबन का यह दूसरा अवसर है. इससे पूर्व एक साल पहले तेलंगाना के मुद्दे पर ही आठ सदस्यों को निलंबित किया गया था.