पुराने शौचालयों को 2020-21 तक हटाने की योजना

नयी दिल्ली : सभी यात्री डिब्बों से पुराने शौचालयों को वर्ष 2020-21 तक हटा देने के लक्ष्य के तहत रेलवे ने इन्हें पर्यावरण के अनुकूल जैव शौचालयों से बदलने की कार्ययोजना तैयार की है.इस परियोजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अभी तक ट्रेनों में मौजूदा 17,338 शौचालयों को जैव शौचालयों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2015 12:24 PM

नयी दिल्ली : सभी यात्री डिब्बों से पुराने शौचालयों को वर्ष 2020-21 तक हटा देने के लक्ष्य के तहत रेलवे ने इन्हें पर्यावरण के अनुकूल जैव शौचालयों से बदलने की कार्ययोजना तैयार की है.इस परियोजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अभी तक ट्रेनों में मौजूदा 17,338 शौचालयों को जैव शौचालयों से बदला जा चुका है. हमारा लक्ष्य सभी डिब्बों में जैव शौचालय लगाने का है. इस कार्ययोजना के अनुसार, वर्ष 2016-17 तक सभी नए डिब्बों में जैव शौचालय लगे होंगे जबकि मौजूदा डिब्बों में जैव शौचालय लगाने का काम जारी रहेगा.

वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए रेलवे ने लंबी दूरी की ट्रेनों में 17 हजार जैव शौचालय लगाने का लक्ष्य रखा है. यह रेलवे के स्वच्छ रेल- स्वच्छ भारत कार्यक्रम का हिस्सा है.मौजूदा शौचालय व्यवस्था में मानवीय अपशिष्ट के सीधे बहिस्राव से पटरियों का क्षरण होता है और इससे रेलवे को रेल की पटरियां बदलने में करोड़ों का खर्च उठाना पड़ता है.

नयी पीढ़ी के हरित शौचालयों को रेलवे ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साथ मिलकर भारतीय ट्रेनों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया है.जैव शौचालयों को शौचालय के नीचे लगाया जाता है और इसमें आने वाले मानवीय अपशिष्ट को एक विशेष किस्म का बैक्टीरिया एक ऐसी द्रव के रूप में बदल देता है, जो क्षरण नहीं करता.

नये डिब्बों में 10,500 जैव शौचालय लगाने का काम जारी है. वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 17 हजार जैव शौचालयों का लक्ष्य रखा गया है.रेलवे की ओर से रेल और रेलवे स्टेशनों पर मौजूद शौचालयों की सुविधाओं में भी सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि इन सुविधाओं में साफ-सफाई की कमी के बारे में यात्रियों से कई शिकायतें मिलती रही हैं.

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