नयी दिल्ली : आज शिक्षाविद और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न से नवाजा जायेगा. मालवीय को यह सम्मान मरणोपरांत उनके परिजनों को दिया जाएगा. आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 27 मार्च को भारत रत्न प्रदान प्रदान किया गया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकोल तोड़कर वाजपेयी के घर जाकर यह सम्मान प्रदान किया.
गौरतलब हैं कि केन्द्र सरकार ने दिसंबर 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और स्वतंत्रता सेनानी मदन मोहन मालवीया को प्रतिष्ठित भारत रत्न अवार्ड देने की घोषणा की थी. अभी तक 43 लोगों को भारत रत्न अवार्ड से सम्म्मानित किया जा चुका है. जिसमें वैज्ञानिक सीवी रमन, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, गायक लता मंगेशकर और राजनीतिज्ञ सी राजागोपालचार्य शामिल है.अभी तक कुल 43 लोगों को भारत रत्न अवॉर्ड दिया जा चुका है.
महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. उनका निधन 12 नवंबर 1946 को बनारस में हुआ. वे 1909,1918,1932,1933 में मदन मोहन मालवीय चार बार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. ‘सत्यमेव जयते’ शब्द के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका रही. उन्होंने शिक्षा, पत्रकारिता, वकालत में सक्रिय काम किया. महामना मदन मोहन मालवीय ने 1916 में प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की.
वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया.