नयी दिल्ली/जम्मू : भारी बारिश के कारण श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के संगम इलाके में आज झेलम नदी में जलस्तर खतरे के निशान से उपर पहुंच गया है. सरकार की ओर से राहत बचाव कार्य में काई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है. उपायों के तहत एनडीआरएफ की 100 सुरक्षाकर्मियों की दो टीमों को जम्मू कश्मीर के लिए रवाना किया गया है. राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार अपनी ओर से राहत बचाव कार्य में काई कसर नहीं छोड़ेगी. मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आज हालात ठीक हो जायेंगे. राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी.
पंजाब के बठिंडा से 50-50 कर्मियों वाले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें भारतीय वायुसेना के विमान से श्रीनगर के लिए रवाना हुईं. एनडीआरएफ के महानिदेशक :डीजी: ओ. पी. सिंह ने बताया, ‘‘कश्मीर घाटी में बाढ की आशंका को देखते हुए किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए हमने पहले से ही हमारी दो टीमें तैनात कर दी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘गाजियाबाद और बठिंडा में चार अन्य टीमों को भी तैयार रखा गया है.’’ डीजी ने कहा कि घबराने की जरुरत नहीं है और राज्य सरकार बाढ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती सहित सारे प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल बाढ की आशंका नहीं दिखती. कश्मीर घाटी के इलाकों में कहीं कहीं जलजमाव हुआ है. अच्छी खबर यह है कि राज्य में पिछले कुछ घंटों से बारिश नहीं हुई है.’’ बहरहाल, मौसम विभाग ने अगले दो तीन दिनों में बारिश का पूर्वानुमान जताया है.
डीजी ने बताया, ‘‘हालात बुरे नहीं हैं और हम सभी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.’’ सिंह ने कहा कि जिन टीमों को रवाना किया गया है वे बाढ की स्थिति से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं के मुताबिक संचार के साधनों, राहत और बचाव के उपकरणों से लैस हैं. पिछले साल बाढ से जलमग्न हुए कश्मीर घाटी में बडे पैमाने पर हुए राहत और बचाव अभियानों में अन्य सुरक्षा बलों के साथ एनडीआरएफ ने अहम भूमिका निभाई थी. राज्य के इतिहास में यह अब तक की सबसे भीषण बाढ थी.