नयी दिल्ली : राकांपा ने आज कहा कि भाजपा के केंद्र में आने के बाद कांग्रेस विरोध का दौर समाप्त हो गया है और अब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के समक्ष नये तरह की विपक्षी रचना की जरुरत है. राकांपा के महासचिव डी पी त्रिपार्ठी ने कहा, ‘‘संप्रग के बाद अब एक नये तरह की रचना की जरुरत है और एक नये तरह के राजनीतिक मुहावरे की जरुरत है.’’ राकांपा पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में दूसरा सबसे बडा घटक थी.
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अब ‘नये तरह’ के राजनीतिक विपक्ष का समय : राकांपा
नयी दिल्ली : राकांपा ने आज कहा कि भाजपा के केंद्र में आने के बाद कांग्रेस विरोध का दौर समाप्त हो गया है और अब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के समक्ष नये तरह की विपक्षी रचना की जरुरत है. राकांपा के महासचिव डी पी त्रिपार्ठी ने कहा, ‘‘संप्रग के बाद अब एक […]
उन्होंने उन विचारों को भी खारिज कर दिया कि राकांपा संसद में वर्तमान स्वरुप में भूमि विधेयक को पारित कराना सुनिश्चित करने में राजग सरकार की मदद करेगी.वर्तमान परिदृश्य में वामदलों को साझा रणनीति में शामिल होने की जरुरत पर जोर देते हुए त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी गठबंधन में कोई भी दल बडे भाई की भूमिका नहीं निभा सकता है.
उन्होंने कहा कि देश की राजनीति महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है और इसलिए संप्रग अब ऐसी परिस्थिति में प्रासंगिक नहीं रह गया है.उन्होंने कहा कि इसमें ‘कोई एक नहीं बल्कि कई’ सरकार चलायेंगे. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों में एकजुटता देखी जा रही है क्योंकि जनता परिवार के कई घटक एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं.त्रिपाठी ने कहा कि तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार उस मंत्री समूह के अध्यक्ष थे जिसने संप्रग का भूमि विधेयक तैयार किया था और जिसे अब मोदी सरकार संशोधित करने का प्रयास कर रही है.
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