नयी दिल्ली : यमन में फंसे करीब 4000 भारतीयों में से 358 लोगों का निकालकर भारतीय सेना का विमान गुरूवार सुबह मुंबई और कोच्ची पहुंचा. प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय वायुसेना का पहला विमान 168 लोगों को लेकर देर रात दो बजे कोच्ची एयर पार्ट पर उतरा. उसके बाद सी-17 ग्लोबमास्टर 190 लोगों के साथ मुंबई में उतरा. यहां भारतीयों के परिजन अपनों के इंतजार में आंखे बिछाये खडे थे. परिजनों ने उनके सुरक्षित वापसी पर सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि यदि सरकार इसमें तत्परता नहीं दिखाती तो यह संभव नहीं था.
वायु सेना और जल सेना की मदद से पहुंचे भारत
आईएनएस सुमित्र बुधवार को ‘ऑपरेशन राहत’ के तहत जिबूती से अल होदीदा के लिए रवाना हुआ. अल होदीदा यमन के पश्चिम तट पर एक बंदरगाह है. यहां भारतीय इंतजार में खडे थे जिन्हें वायु सेना के जहाज ने भारत पहुंचाने का काम किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार इन भारतीयों में 206 केरल, 40 तमिलनाडु, 31 महाराष्ट्र, 23 पश्चिम बंगाल और 22 दिल्ली जबकि कुछ और अन्य राज्यों के रहने वाले हैं.
कोच्ची का दृश्य
रात के दो बजे यमन से भारतीयों को लेकर विशेष विमान यहां उतरा. इंडियन एयर फ़ोर्स सी-17 ग्लोबमास्टर्स विमान के यहां उतरते ही अपनों के लिए आंखे बिछाये परिजन के चेहरे पर खुशी छा गई. इनमें ज्यादातर नर्स और वर्कर थे जो यमन में कार्यरत थे. इसका स्वागत केरला सरकार के मंत्री केसी जोसफ ने किया. उनके साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री भी मौजूद थे.ग्रामीण विकास मंत्री जोसफ ने बताया कि 168 भारतीय कोच्ची एयरपोर्ट पर उतरे. इनमें से कुछ लोग तमिलनाडु के हैं. हम इनके लिए यातायात की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं साथ ही प्रत्येक लोगों को हम 2000 हजार रुपये उपलब्ध करायेंगे ताकि इन्हें अपने घर तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हो.
मुंबई का दृश्य
यमन से 190 लोगों को लेकर सुबह के करीब 3:25 बजे छत्रपति शिवजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा. यहां परिजन अपनों के इंतजार में खडे थे. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई लोग जिबूती से नहीं लाये जा सके क्योंकि उनके पास पेपर तैयार नहीं थे. काफी लोगों के पास पासपोर्ट भी मौजूद नहीं था. एयरपोर्ट पर इनका स्वागत करने के लिए महाराष्ट्र टूरिज्म मंत्री प्रकाश मेहता और सांसद किरीट सोमैया मौजूद थे. रेलवे ने यमन से आये भारतीयों के लिए विशेष सुविधा का ख्याल रखा है. रेलवे की ओर से कहा गया है कि इनको घर तक पहुंचाने का काम बिना किसी शुल्क के किया जायेगा.सोमैया ने कहा कि हमने 190 लोगों का स्वागत किया जिन्हें यमन से भारत लाया गया है. इसके चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही है.
रेलवे दे रही है सुविधा
मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुनील कुमार सूद ने बताया , ‘‘ हम केरल जाने वाली मंगला एक्सप्रेस, चेन्नई जाने वाली चेन्नई मेल और कोलकाता जाने वाली दुरंतो एक्सप्रेस में अतिरिक्त डिब्बे लगाएंगे ताकि ये लोग जल्द अपने घरों को पहुंच सकें. इनमें 60 लोग केरल जाने वाले , 40 चेन्नई और 30 कोलकाता जाने वाले हैं.’’ सूद ने बताया कि रेलवे ने आपात कोटे के तहत टिकट बुक कराने वाले सामान्य यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा को एक दो दिन के लिए स्थगित कर दें ताकि उनके टिकटों का इस्तेमाल यमन से लौटे लोगों द्वारा किया जा सके. सामान्य यात्री इस बात पर सहमत हो गए हैं.
सना गृह युद्ध में लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया है
इस बीच यमन से लौटी फैजू नामक एक नर्स ने बताया कि यमन का शहर सना गृह युद्ध में लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया है और लडाके बंदरगाह शहर अदन की ओर बढ गए हैं. सना में बतौर नर्स काम करने वाली फैजू ने अपनी पीडा साझा करते हुए बताया, ‘‘ हमें कोई वेतन नहीं दिया गया. हमसे अधिक घंटों तक काम कराया गया क्योंकि सभी स्थानीय नर्सें अस्पताल से चली गयी थीं. ’’ उसने साथ ही बताया कि अदन में अभी भी करीब 300 भारतीय लोग फंसे हो सकते हैं.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पहले ही दी थी जानकारी
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा था कि संकट से जूझ रहे यमन के समुद्रतटीय शहर अदन से नौसेना के एक पोत से सुरक्षित बाहर निकाले गये लगभग 350 भारतीय नागरिक जिबुती पहुंच गए और उन्हें भारतीय वायुसेना द्वारा रात भारत वापस लाया जाएगा. इस बीच, अपने 4,000 से ज्यादा नागरिकों को यमन से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियान की निगरानी के लिए विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह भी जिबुती पहुंचे. सुषमा ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय नौसेना द्वारा अदन से बाहर निकाले गए भारतीय नागरिक जिबुती पहुंच गए हैं. भारतीय वायुसेना द्वारा उन्हें बुधवार रात भारत वापस लाया जाएगा.’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘एक विमान कोच्चि में और दूसरा मुंबई में देर शाम उतरेगा. मेरे सहकर्मी वी के सिंह जिबुती में भारतीय नौसेना एवं वायुसेना के साथ अभियान का समन्वय कर रहे हैं.’’