प्रतिबंध पर गर्म हुए तोगडिया, ममता पर किया पलटवार

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में घुसने पर प्रतिबंध लगाने से विहिप नेता प्रवीण तोगडिया काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी केवल एक ही समुदाय पर प्रतिबंध लगा सकतीं हैं. सीएम के प्रतिबंध लगाने पर हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा क्या ममता बनर्जी अल्पसंख्यक समुदाय से जुडे धर्म प्रचारकों और धार्मिक स्थलों पर सामूहिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2015 8:48 AM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में घुसने पर प्रतिबंध लगाने से विहिप नेता प्रवीण तोगडिया काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी केवल एक ही समुदाय पर प्रतिबंध लगा सकतीं हैं. सीएम के प्रतिबंध लगाने पर हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा क्या ममता बनर्जी अल्पसंख्यक समुदाय से जुडे धर्म प्रचारकों और धार्मिक स्थलों पर सामूहिक प्रार्थना करने वालों को गिरफ्तार करवाएंगी.

तोगडिया ने से कहा, ‘‘पांच अप्रैल को रैली के लिए मेरे घुसने पर बंगाल के हरेक जिले में सीआरपीसी की धारा 144 लगाना ममता बनर्जी की बडी भूल है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या ममता दीदी अल्पसंख्यक धार्मिक नेताओं को चौराहे पर प्रचार करने वालों और इस महीने के एक विशेष शुक्रवार को धार्मिक स्थल पर सामूहिक प्रार्थना करने वालों को गिरफ्तार करवाएंगी?’’ विहिप नेता ने कहा कि उन्हें पांच अप्रैल को उत्तरी दिनाजपुर जिले में विहिप की एक रैली में हिस्सा लेना है जिसमें 2000 से ज्यादा लोग आएंगे.

वीरभूम जिले में धर्मांतरण

कुछ दिन पहले वीरभूम जिले के रामपुरहाट में ईसाई धर्म का पालन करनेवाले लोगों का धर्मांतरण किया गया था. इस संबंध में वीरभूम जिले के रामपुरहाट थाने में मामला भी दर्ज किया गया था और इस मामले में भी प्रवीण तोगड़िया को आरोपी बनाया गया है. गौरतलब है कि गृह विभाग की ओर से सभी जिला प्रशासन के साथ ही थानों को भी नोटिस भेजा जा रहा है.

तीन अप्रैल को बंगाल आना है तोगड़िया को

विश्व हिंदू परिषद के राज्य के संगठन मंत्री सचिंद्र नाथ सिंह ने बताया कि तीन अप्रैल को वह कोलकाता पहुंच रहे हैं. चार अप्रैल को हरियाणा भवन में वह चिकित्सकों के साथ बैठक करेंगे. यह एक इंडोर कार्यक्रम होगा. इसके बाद पांच अप्रैल को वह उत्तर बंगाल में रायगंज के दौरे पर जायेंगे. उन्होंने कहा कि श्री तोगड़िया इस देश के नागरिक हैं. उन पर किसी प्रकार का कोई आपराधिक मामला नहीं है. राज्य सरकार का यह फरमान असंवैधानिक है. इस प्रकार के आदेश को माना नहीं जा सकता है.

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