राष्ट्रीय कार्यकारिणी में दिल्ली की हार और पार्टी के विस्तार पर मंथन करेगी भाजपा
बेंगलूरुः भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से बेंगलुरु में शुरू हो रही है. बैठक को पार्टी के कई बड़े नेता संबोधित करेंगे. लंबे समय बाद दक्षिण भारत में हो रही भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कैबिनेट मंत्रियों के साथ लालकृष्ण आडवाणी और मुरली […]
बेंगलूरुः भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से बेंगलुरु में शुरू हो रही है. बैठक को पार्टी के कई बड़े नेता संबोधित करेंगे. लंबे समय बाद दक्षिण भारत में हो रही भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कैबिनेट मंत्रियों के साथ लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे. इस बैठक में जहां एक ओर दिल्ली में हार के कारणों पर मंथन संभव है वहीं बिहार , यूपी , बंगाल जैसे राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
सदस्यता बढाने व पार्टी को मजबूत करने पर होगी बातचीत
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी की सदस्यता बढ़ाने, पार्टी को जमीनी स्तर तक और मजबूत बनाने व कई राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर चर्चा की जा सकती है. बैठक में ऎसे राज्यों में पार्टी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां इसकी पकड बहुत मजबूत नहीं है. भाजपा महासचिव पी मुरलीधर राव ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि हम पार्टी का आधार बढाने की कार्ययोजना को आगे बढायेंगे विशेष तौर पर सात राज्यों में जिनमें असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं.
दत्तात्रेय होसाबले और कृष्ण गोपाल होंगे संघ के प्रतिनिधि
इस बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 111 सदस्यों के अलावा इसके कुछ स्थाई और विशेष आमंत्रित सदस्य भी बैठक में भाग लेंगे जिनमें सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और भाजपा के उप मुख्यमंत्री शामिल हैं. संघ की ओर से दत्तात्रेय होसाबले और कृष्ण गोपाल बैठक में शामिल होंगे.
भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर बीच का रास्ता तलाशने की होगी कोशिश
भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष के हंगामे और कडे रुख का जवाब देने के लिए भूमि अधिग्रहण विधेयक के किसान हितैषी बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किये जाने की संभावना है. भाजपा के वरिष्ठ नेता भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर पार्टी सदस्यों को सरकार का यह संदेश प्रसारित करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं कि यह कदम किसान समर्थक है और इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत का समूचा विकास और किसानों की तरक्की सुनिश्चित करना है.
मोदी सरकार के दस माह के कार्यकाल का ब्यौरा पेश होगा
इसके अलावा इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के दस महीने का कार्यकाल का ब्यौरा भी पेश किया जाएगा. बैठक में भाजपा के नेतृत्व में केंद्रीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कायों तथा इसकी उपलब्धियों पर भी चर्चा की जाएगी. –
कश्मीर में सरकार के मुद्दे पर हो सकती है चर्चा
जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के बाद से उपजे हालात और उससे हो रहे नफा नुकसान के बारे में भी चर्चा संभव है.