आंकड़े बताते हैं मुंबई सुरक्षित नहीं

नयी दिल्ली : मुंबई में फोटो पत्रकार के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के अलावा देश की आर्थिक राजधानी के दामन पर बीते तीन साल में बलात्कार के 647 मामलों और छेड़छाड़ के 1,877 मामलों के दाग हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि मुंबई में वर्ष 2012 में महिलाओं के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2013 12:05 PM

नयी दिल्ली : मुंबई में फोटो पत्रकार के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के अलावा देश की आर्थिक राजधानी के दामन पर बीते तीन साल में बलात्कार के 647 मामलों और छेड़छाड़ के 1,877 मामलों के दाग हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि मुंबई में वर्ष 2012 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 1,781 घटनाएं हुईं. इनमें बलात्कार के 234 मामले, उनकी मर्यादा भंग करने के इरादे से किए गए हमले के 614 मामले और छेड़छाड़ के 235 मामले हैं.

वर्ष 2011 में मुंबई में बलात्कार के 221 मामले और छेड़छाड़ के 553 मामले हुए। आर्थिक राजधानी में वर्ष 2010 में बलात्कार के 194 और छेड़छाड़ के 475 मामले हुए. मुंबई की बंद पड़ी हुई एक मिल के परिसर में बृहस्पतिवार को एक फोटो पत्रकार के साथ पांच व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार किया। इस घटना से पूरा देश स्तब्ध रह गया और अन्य महानगरों की तुलना में सुरक्षित मानी जाने वाली मुंबई में इस घटना के दोषियों को कठोरतम सजा देने की मांग हर ओर से उठी.


अगर बड़े शहरों की बात करें तो दिल्ली में वर्ष 2012 में बलात्कार के 585 मामले, चेन्नई में 94 मामले, कोलकाता में 68 मामले, बेंगलूर में 90 मामले, हैदराबाद में 74 मामले, अहमदाबाद में 63 मामले और भोपाल में 114 मामले हुए. वर्ष 2011 में दिल्ली बलात्कार के मामलों की संख्या 453, चेन्नई में 76, कोलकाता में 46, हैदराबाद में 59, अहमदाबाद में 60 और भोपाल में 100 थी.

वर्ष 2010 में दिल्ली में बलात्कार के 414 मामले, चेन्नई में 47, कोलकाता में 32, बेंगलूर में 65, हैदराबाद में 45, अहमदाबाद में 49 और भोपाल में 73 मामले हुए. वर्ष 2012 में दिल्ली में महिलाओं पर उनकी मर्यादा भंग करने के इरादे से हमले की 639 घटनाएं हुईं और छेड़छाड़ की 181 घटनाएं हुईं. वर्ष 2011 में दिल्ली में छेड़छाड़ की 556 घटनाएं और वर्ष 2010 में 550 घटनाएं हुईं.

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