बिहार में लौट आया है जंगल राज-दो : अमित शाह

बेंगलुरु : यह दावा करते हुए कि राजग से जदयू के अलग होने के बाद बिहार में जंगल राज-दो लौट आया है, भाजपा ने आज विश्वास के साथ कहा कि राज्य की जनता इस साल बाद में होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे जनादेश देगी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहां पार्टी की दो दिवसीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2015 5:34 PM

बेंगलुरु : यह दावा करते हुए कि राजग से जदयू के अलग होने के बाद बिहार में जंगल राज-दो लौट आया है, भाजपा ने आज विश्वास के साथ कहा कि राज्य की जनता इस साल बाद में होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे जनादेश देगी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहां पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा, ‘अलग होने के बाद जो दरअसल हुआ, वह यह है कि बिहार में जंगल राज-2 लौट आया है.’ उन्होंने कहा, ‘यह जंगल राज-2 है अतएव बिहार के लोग बहुत नाराज और परेशान हैं.’

उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ‘वे भाजपा की अगुवाई में नयी सरकार चाहते हैं.’ इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व एवं प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं जिनमें भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी हैं. (पिछला) भाजपा-जदयू गठबंधन राजद सुप्रीमो लालू यादव के शासन को अक्सर जंगल राज कहा करता था लेकिन लोकसभा में चुनाव में बुरी हालत होने के बाद जदयू और राजद ने हाथ मिला लिया तथा अब वे साझा दुश्मन के रूप में भाजपा को निशाना बना रहे हैं.

शाह ने जदयू पर तीखा हमला करते हुए कहा, ‘पिछली बार बिहार की जनता ने भाजपा और जदयू को जनादेश दिया था क्योंकि हम गठबंधन में थे लेकिन जदयू ने जनादेश को धोखा दिया और गठबंधन से बाहर निकल गया.’ केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मीडिया ब्रीफिंग में शाह के हवाले से कहा, ‘अतएव, ये ही वे लोग हैं जिन्होंने विश्वासघात किया है.’ शाह ने कहा कि भाजपा को विश्वास है कि बिहार के लोग इस साल बाद में होने वाले चुनाव में उसे जनादेश देंगे.

लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद भाजपा-जदयू का गठबंधन टूट गया. नीतीश कुमार को भाजपा का यह फैसला रास नहीं आया. बताया जाता कि उनकी भी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा थी. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री पद पर लौटने के बाद नीतीश कुमार हाल ही प्रधानमंत्री मोदी से मिले और उन्होंने इसे एक शिष्टाचार भेंट बताया.

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