पर्यावरणीय मंजूरी में देरी के लिए पॉस्को जिम्मेदार : मंत्रालय

नई दिल्ली : पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने कहा है कि पॉस्को के ओड़िशा के एकीकृत इस्पात संयंत्र को पर्यावरणीय मंजूरी में देरी के लिए कंपनी जिम्मेदार है. मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण कोरियाई कंपनी अभी तक राज्य में अपने कैप्टिव बंदरगाह परियोजना के बारे में कुछ सूचनाएं उपलब्ध नहीं करा पाई है. पर्यावरण एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2013 2:40 PM

नई दिल्ली : पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने कहा है कि पॉस्को के ओड़िशा के एकीकृत इस्पात संयंत्र को पर्यावरणीय मंजूरी में देरी के लिए कंपनी जिम्मेदार है. मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण कोरियाई कंपनी अभी तक राज्य में अपने कैप्टिव बंदरगाह परियोजना के बारे में कुछ सूचनाएं उपलब्ध नहीं करा पाई है. पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) को यह सूचना दी है.

हालांकि, पॉस्को इंडिया लि. ने मंत्रालय के इस दावे का विरोध किया है. एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष पॉस्को ने कहा कि पूर्व में दोनों परियोजनाएं अलग-अलग आवंटित की गई थीं. कंपनी ने दावा किया कि उसने मैपिंग आंकड़े के अलावा अन्य सभी जानकारियां उपलब्ध कर दी हैं.

पॉस्को ने दावा किया कि विशेषज्ञ आकलन समिति (ईएसी) ने मई में हुई बैठक में उसके 40 लाख टन सालाना के इस्पात संयंत्र को पर्यावरण मंजूरी को 2017 तक वैध करने की सिफारिश की थी, लेकिन मंत्रालय ने बिना किसी वजह के इसे रोक रखा है.मंत्रालय ने कहा कि चूंकि दोनों परियोजनाएं एक दूसरे से संबद्ध हैं, ऐसे में छोटे कैप्टिव बंदरगाह के बारे में सूचना जरुरी है, जो कंपनी ने आज की तारीख तक उपलब्ध नही कराई है.

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