आडवाणी के कार्यकारिणी को संबोधित करने को लेकर संशय बरकरार
बेंगलुरु: भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक यहां जारी है. कल इस बैठक का समापन हो जाएगा. लेकिन इस बात को लेकर संशय अभी भी बरकरार है कि भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी इस बैठक को संबोधित करेंगे या नहीं. इसको लेकर तरह-तरह की खबरें आ रही है. कुछ भाजपा नेता दावा कर रहे हैं […]
बेंगलुरु: भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक यहां जारी है. कल इस बैठक का समापन हो जाएगा. लेकिन इस बात को लेकर संशय अभी भी बरकरार है कि भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी इस बैठक को संबोधित करेंगे या नहीं.
इसको लेकर तरह-तरह की खबरें आ रही है. कुछ भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लालकृष्ण आडवाणी मार्गदर्शन संबोधन करेंगे. कुछ का कहना है कि मंच पर उनकी उपस्थिति मात्र ही अपने-आप में मार्गदर्शन है. लेकिन सूत्र के हवाले से जो जानकारी है उसके मुताबिक कार्यकारिणी का जो कार्यक्रम तैयार किया गया है, उसमें आडवाणी का नाम नहीं है. आम तौर पर ऐसा होता आया है कि अध्यक्ष या प्रधानमंत्री के भाषण के पहले आडवाणी अपना संबोधन करते हैं.
जानकारी के मुताबिक आडवाणी को कार्यक्रम के एजेंडे में शामिल न किये जाने के पीछे पार्टी की यह सोंच रही होगी कि कहीं आडवाणी कुछ ऐसा न कह जाएं जिससे कि पार्टी के अंदर असंतोष या किसी तरह की गलत भावना आ जाए.
गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली को लेकर पार्टी और सरकार के भीतर सुगबुगाहट तो है लेकिन कोई खुलकर कहने को तैयार नहीं. ऐसे में पार्टी नेतृत्व को डर है कि वरिष्ठ होने के नाते कही आडवाणी कुछ ऐसा सलाह न दे डालें जो पार्टी को नागवार गुजरे.
ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस बार आडवाणी खुद ही भाषण देने के इच्छुक नहीं हैं. माना जा रहा है कि आडवाणी इस बात से खुश नहीं हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रचार का काम नहीं सौंपा गया. ऐसा पहली बार हुआ जब किसी महत्वपूर्ण चुनाव में आडवाणी ने प्रचार नहीं किया हो. दूसरी ओर आडवाणी, जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को संसदीय बोर्ड से बाहर कर मार्गदर्शक मंडल नामक नये संगठन में तो जगह दिया गया पर न तो कभी इस मंडल की बैठक हुई न कभी उनसे कोई मार्गदर्शन लिया गया.