मोदी के नेतृत्व में देश संकुचित लोकतंत्र की ओर बढ सकता है : रमेश
हैदराबाद : पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी भारत के इतिहास की अब तक की सबसे ज्यादा केंद्रीकृत सरकार चला रहे हैं जिसमें वह अपने मंत्रिमंडल, भाजपा और सांसदों को उनके अधिकारों से वंचित रख रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश ने यह आशंका भी जताई कि मोदी के नेतृत्व […]
हैदराबाद : पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी भारत के इतिहास की अब तक की सबसे ज्यादा केंद्रीकृत सरकार चला रहे हैं जिसमें वह अपने मंत्रिमंडल, भाजपा और सांसदों को उनके अधिकारों से वंचित रख रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश ने यह आशंका भी जताई कि मोदी के नेतृत्व में देश संकुचित लोकतंत्र की ओर बढ सकता है.
रमेश ने दिये इंटरव्यू में कहा, सरकार की कार्यशैली अकेले काम करने की है. यह बहुत निरंकुश और अधिकारवादी सरकार है जहां केवल मोदी की चलती है. उन्होंने कहा कि राजग सरकार के पिछले 10 महीने में लोकसभा को जिस तरह चलाया गया वह लगभग तानाशाही प्रवृत्ति थी.
रमेश ने कहा, मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है कि पिछले एक साल में भारत संकुचित लोकतंत्र बनने की ओर बढ़ सकता है. हम उदार लोकतंत्र थे लेकिन हम अनुदार लोकतंत्र बनने के रास्ते पर बढ रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री के रुप में हमारे पास एक बहुत अधिनायकवादी शख्सियत है जो आम-सहमति में विश्वास नहीं करते और जो लोगों को साथ लेकर चलने में भरोसा नहीं करते और कहते हैं कि या तो मेरी सुनो या अपने रास्ते जाओ. उन्होंने दावा किया कि मोदी की कार्यशैली के चलते जनता का मोहभंग हो गया है.
रमेश ने दावा किया, वह भारत के इतिहास में अब तक की सबसे केंद्रीकृत सरकार चला रहे हैं, वह एक आदमी की सरकार चला रहे हैं, उन्होंने अपने मंत्रिमंडल को वंचित कर रखा है, अपनी पार्टी को वंचित कर रखा है, अपने सांसदों को वंचित कर रखा है और उन्होंने अभी तक केवल संप्रग सरकार के कार्यक्रमों को नयी पैकेजिंग दी है. लोगों ने सवाल पूछने शुरु कर दिये हैं.
जब रमेश से पूछा गया कि क्या मोदी का यह रवैया उनके लिए प्रतिकूल साबित होगा तो पूर्व मंत्री ने कहा, ऐसा होगा. उन्होंने अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार का नारा दिया था और उसे अधिकतम अहंकार, न्यूनतम सरकार में बदल दिया और उन्होंने न्यूनतम सरकार को एक आदमी की सरकार बना दिया है. कोई कैबिनेट नहीं। किसी वरिष्ठ मंत्री का महत्व नहीं, किसी का महत्व नहीं. केवल वही फैसले करते हैं.
रमेश से जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के कामकाज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उनकी तुलना मोदी से कर दी. उन्होंने कहा, दिल्ली में मोदी सपने बेच रहे हैं, हैदराबाद में केसीआर सपने बेच रहे हैं. मोदी की तरह ही केसीआर भी अधिकारवादी हैं.