परिक्रमा को फिक्स मैच कहना अशोभनीय : सिंघल
लखनउ : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल ने अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा को लेकर हुए घटनाक्रम को उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं विहिप के बीच ‘फिक्स मैच’ कहे जाने को ‘बेहूदा टिप्पणी’ करार देते हुए आज कहा कि उनका संगठन देश की सांस्कृतिक […]
लखनउ : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल ने अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा को लेकर हुए घटनाक्रम को उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं विहिप के बीच ‘फिक्स मैच’ कहे जाने को ‘बेहूदा टिप्पणी’ करार देते हुए आज कहा कि उनका संगठन देश की सांस्कृतिक स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा है.
यहां रमाबाई अम्बेडकर अतिथिगृह में रखे गये सिंघल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि यह मैच फिक्सिंग हो रही है. उनके लिये ‘बेहूदा’ इसलिये कहा रहा हूं क्योंकि उन्हें देश की संस्कृति के बारे में पता ही नहीं हैं. हमारी संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है और हमारे संत इस देश की संस्कृति को संरक्षित करने के लिये लड़ाई लड़ रहे हैं.’’
उन्होंने कहा ‘‘जो कुछ हो रहा है वह अच्छा नहीं है. इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिये. दुखद बात यह है कि संतों पर प्रहार हो रहा है. ऐसा तो रावण के शासन में ही होता था. संतों की गिरफ्तारियां किसलिये हो रही हैं यह भी बहुत दुखद है. इसके भारी दुष्परिणाम होंगे.’’
सिंघल ने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक की चिंता है. ये तरीके हिन्दू मुस्लिम के बीच अच्छे सम्बन्ध रखने के लिये ठीक नहीं हैं. मुस्लिम समाज का नेतृत्व अपहृत कर लिया गया है.’’ सिंघल ने कहा ‘‘आज रामभक्त देश में सांस्कृतिक स्वतंत्रता के लिये काम कर रहे हैं. ठीक उसी तरह, जैसे वर्ष 1857 से 1947 के बीच राष्ट्रभक्त लोग देश की स्वतंत्रता के लिये लड़ते थे. वे किसी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं. वे रामभक्त हैं.’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं आपसे एक बात और कहना चाहता हूं…आजादी के लिये वर्ष 1857 में जो लड़ाई शुरु हुई थी वह 1947 में पूरी हुई थी. हमारी लड़ाई भी ऐसी ही है. आज भी भगवान राम कपड़े के तम्बू में बंद हैं. यह हिन्दू समाज का अपमान है.’’ सिंघल ने बताया कि सरकार ने उन्हें गिरफ्तार नहीं बल्कि नजरबंद किया है.
उन्होंने दोहराया, ‘‘विहिप बहुत शांति के साथ यात्रा निकालना चाहती थी और उसमें 12 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की जरुरत ही नहीं थी. मुझे नहीं पता कि क्यों इस यात्रा को प्रतिबंधित किया गया. हम यात्रा के सिलसिले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिले थे लेकिन उन्होंने इसे रोकने का कोई संकेत नहीं दिया था.’’