बिहार ने न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने को केंद्र से धनराशि मांगी

नयी दिल्ली: बिहार ने न्यायिक अधिकारियों और गैर राजपत्रित कर्मचारियों की संख्या बढाने एवं आधारभूत ढांचे का विस्तार करके राज्य की न्यायिक व्यवस्था मजबूत करने के लिए आज केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग की. 24 उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों एवं मुख्यमंत्रियों के संयुक्त सम्मेलन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2015 6:47 PM

नयी दिल्ली: बिहार ने न्यायिक अधिकारियों और गैर राजपत्रित कर्मचारियों की संख्या बढाने एवं आधारभूत ढांचे का विस्तार करके राज्य की न्यायिक व्यवस्था मजबूत करने के लिए आज केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग की. 24 उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों एवं मुख्यमंत्रियों के संयुक्त सम्मेलन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनका राज्य ‘‘संसाधन हीन’’ है और उसे न्यायिक व्यवस्था मजबूत करने के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की जरुरत है.

कुमार ने कहा, ‘‘न्यायिक अधिकारियों, गैर राजपत्रित कर्मचारियों की संख्या बढाने तथा न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए धनराशि की जरुरत है. बिहार जैसा संसाधन हीन राज्य इसे अपने संसाधनों से पूरा करने के लिए समस्या का सामना कर रहा है. 14वें वित्त आयोग के तहत वित्तीय मदद बढाना जरुरी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह महसूस किया जा रहा है कि अपराध से प्रभावित व्यक्तियों को विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अत्याचार मुआवजा योजना के तहत पर्याप्त मुआवजा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 75 प्रतिशत सहयोग की जरुरत है.’’ कुमार ने इसके साथ ही वकीलों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र से 14वें वित्त आयोग के तहत सहयोग मांगा.

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार एक संसाधन हीन राज्य है. हमारे सभी प्रयासों के बावजूद राज्य केंद्र की मदद के बिना उम्मीद के अनुरुप परिणाम हासिल नहीं कर सकता। हमें न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार से जरुरी वित्तीय मदद की जरुरत है.’’ कुमार ने कहा कि ग्रामीण अदालतों के गठन के लिए बजट प्रावधान अपर्याप्त हैं जिसके कारण कार्यालय के लिए इमारत और न्यायाधीशों के लिए आवास ‘‘असंभव’’ हो गया है.

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