‘‘अन्न भाग्य’’ योजना से गरीबों पर पड़ा अच्छा प्रभाव पड़ा: सिद्धारमैया
बेंगलूर: उपचुनाव में जद (एस) से दो सीटें छीनने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज अपनी सरकार की विभिन्न पहलों को उजागर करते हुए कहा की उनकी ‘‘अन्न भाग्य’’ योजना का गरीबों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. सिद्धारमैया ने उनसे मुलाकात करने वाली एक महिला का हवाला देते हुए कहा […]
बेंगलूर: उपचुनाव में जद (एस) से दो सीटें छीनने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज अपनी सरकार की विभिन्न पहलों को उजागर करते हुए कहा की उनकी ‘‘अन्न भाग्य’’ योजना का गरीबों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. सिद्धारमैया ने उनसे मुलाकात करने वाली एक महिला का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘अन्न भाग्य’’ योजना लागू करने के उनकी सरकार के फैसले के कार्यान्वयन के बाद गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले बीपीएल परिवार अब हर माह 800 रुपये बचाने में सक्षम हो गए हैं.
उल्लेखनीय है कि ‘‘अन्न भाग्य’’ योजना के तहत बीपीएल परिवारों को 10 जुलाई से एक रुपये की दर से अधिकतम 30 किलोग्राम चावल दिया जाता है. इसके लिए सरकार 4,200 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है.
सिद्धारमैया ने 20 अगस्त को अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर एक प्रेस कान्फ्रेंस में अपनी सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा, ‘‘इसने गरीब लोगों पर बहुत ही अच्छा प्रभाव छोड़ा है.’’ उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरुप दो अक्तूबर से एक रुपये पर चावल के साथ रागी, ज्वार और गेहूं भी उपलब्ध कराया जाएगा. अन्न की कुल मात्र 30 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होगी.सिद्धारमैया ने बताया कि राज्य में ‘क्षीर भाग्य’ कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है जिसके तहत एक करोड़ चार लाख स्कूलों और आंगनवाड़ी बच्चों को हफ्ते में तीन बार 150 मिलीलीटर दूध बांटा जा रहा है. यह भूख और कुपोषण के मुद्दे को निबटाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा कर्नाटक को भूख-मुक्त प्रदेश बनाना है.