नयी दिल्ली: अयोध्या की 84 कोसी यात्रा को लेकर आज संसद में भाजपा और सपा ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए. कांग्रेस एवं वाम सहित अधिकतर दलों ने देश भर में सांप्रदायिक सौहाद्र्र बिगाड़ने के किसी भी प्रयास का विरोध किया.लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद मध्याहन 12 बजे कार्यवाही शुरु होने पर फिर से यह मामला उठा. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने उच्चतम न्यायालय, इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं विभिन्न अन्य अदालतों के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार केवल अदालत के आदेशों का पालन कर रही है जिनमें शीर्ष अदालत ने अयोध्या में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है.
उधर, भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने सपा नेता पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विशुद्ध धार्मिक यात्रा थी जिसका राजनीति से कुछ लेना देना नहीं था. उन्होंने कहा कि यह धार्मिक यात्रा रोक कर उप्र सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन किया है जिसके लिए उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए.
हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से करीब आधा घंटा पहले ही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. उच्च सदन में इसी मुद्दे पर सपा और भाजपा सदस्यों के हंगामे और आरोप प्रत्यारोपों के कारण भोजनावकाश के पहले की कार्यवाही बाधित रही तथा बैठक को तीन बार स्थगित किया गया.भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरु होने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा शुरु हुयी और भाजपा के विनय कटियार ने सपा तथा उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह यात्रा भाजपा . विहिप की नहीं बल्कि साधु और संतों की थी. कटियार ने कहा कि भारत यात्राओं का देश रहा है और संकट के समय यात्राएं निकाली जाती रही हैं और इसके लिए कोई मुहुर्त नहीं देखा जाता.