न्यायाधीशों के सम्मेलन को लेकर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण, सरकार की कोई भूमिका नहीं थी : वेंकैया नायडू
नयी दिल्ली : न्यायाधीशों के सम्मेलन को लेकर हुए विवाद को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए सरकार ने आज कहा कि गुड फ्राइडे के अवसर पर इस कार्यक्रम को आयोजित करने में उसकी कोई भूमिका नहीं है और उन लोगों की आलोचना की जो इस मुद्दे को धर्मनिरपेक्षता से जोडने का प्रयास कर रहे हैं. संसदीय कार्य […]
नयी दिल्ली : न्यायाधीशों के सम्मेलन को लेकर हुए विवाद को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए सरकार ने आज कहा कि गुड फ्राइडे के अवसर पर इस कार्यक्रम को आयोजित करने में उसकी कोई भूमिका नहीं है और उन लोगों की आलोचना की जो इस मुद्दे को धर्मनिरपेक्षता से जोडने का प्रयास कर रहे हैं. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि न्यायपालिका ने बिना कोई सवाल किए रामनवमी, संक्राति, विनायक चतुर्थी जैसे त्योहारों पर काम किया है, जो ‘हिंदुओं के लिए पवित्र है.
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष भाजपा और सरकार को बदनाम करने के लिए ‘गलत सूचना’ फैलाने का प्रयास कर रहा है. नायडू ने कहा, ‘‘मुङो कल हुए मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन के बारे में सोचकर बुरा लग रहा है. कुछ लोगों ने जब इसे धर्मनिरपेक्षता से जोड दिया तो हमें दुख हुआ.’’ सम्मेलन को लेकर तब विवाद पैदा हो गया था जब उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ ने गुड फ्राइडे के दिन यह सम्मेलन आयोजित करने के फैसले को लेकर आपत्ति जताई.
उन्होंने प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू के समक्ष इस मुद्दे को उठाया और अपनी आपत्ति का इजहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन सरकार का कार्यक्रम नहीं था. यह सम्मेलन मुख्य न्यायाधीशों का था जिसकी योजना पहले ही बनाई गई थी.
नायडू ने यहां पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश केटी थॉमस ने कहा है कि इस तरह के सम्मेलन पहले भी गुड फ्राइडे को आयोजित किए गए हैं. उन्होंने एक अन्य कार्यक्रम में कहा, ‘‘सात साल पहले, ऐसा गुड फ्राइडे को हुआ – उस वक्त मोदी नहीं थे, भाजपा नहीं थी.’’
मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन धर्मनिरपेक्षता से इसे जोडने पर मैं आश्चर्यचकित महसूस कर रहा हूं क्योंकि न्यायाधीश नहीं बल्कि कुछ बाहरी लोग सरकार पर हमले के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके द्वारा गलत सूचना फैलाई जा रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग सरकार की नकारात्मक तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रहे हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.’’