आज विश्व स्वास्थ्य दिवस पर सरकार का देशव्‍यापी ”इंद्रधनुष” टीकाकरण अभियान शुरू

नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सरकार ने बच्‍चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान शुरू किया है. इसका लक्ष्य रोकी जा सकने वाली सात बीमारियों से जुडे टीकों को 2020 तक उन सभी बच्चों तक पहुंचाना है जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या जिन्हें आंशिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2015 1:40 PM
नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सरकार ने बच्‍चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान शुरू किया है. इसका लक्ष्य रोकी जा सकने वाली सात बीमारियों से जुडे टीकों को 2020 तक उन सभी बच्चों तक पहुंचाना है जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या जिन्हें आंशिक तौर पर टीके लगे हों.
स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने बताया कि ‘इंद्रधनुष’ मिशन को अप्रैल से जुलाई के बीच बहुत जोर शोर से ‘कैच अप’ अभियान की तरह चलाया जाएगा. इसमें दो साल की उम्र तक के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक इसका लाभ पहुंचाना है.
इसके प्रभावी अनुपालन के लिए अभियान की निगरानी भी की जाएगी. इंद्रधनुष के सात रंगों से प्रेरित इस मिशन का नाम ‘इंद्रधनुष’ रखा गया है जो बच्चों को डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो, क्षय रोग (टी.बी), चेचक और हेपेटाइटिस बी जैसी सात बीमारियों से बचाव का टीका उपलब्ध कराएगा.
इस मिशन के तहत जापानी एंसेफेलाइटिस, हीमोफिलिस इंफ्लूएंजा टाइप बी से जुडी बीमारियों की रोकथाम से जुड़े टीकों को भी चुनिंदा जिलों में उपलब्ध कराया जाएगा. नड्डा ने ट्वीट में कहा, ‘मिशन इंद्रधनुष सात अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है.यह अप्रैल, मई, जून और जुलाई में दो साल की उम्र तक के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचेगा. ’
नड्डा ने कहा कि मंत्रालय इस मिशन का प्रचार करने के लिए सांसदों को शामिल करेगा. उन्होंने कहा ‘मुझे सांसदों की प्रतिक्रिया से बहुत प्रोत्साहन मिला. मिशन इंद्रधनुष के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निगरानी की विस्तृत रुपरेखा की जा रही है.’
मिशन के पहले चरण में 201 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों को लक्षित किया जाएगा जहां पर आंशिक टीकाकरण और गैर टीकाकरण वाले बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. द्वितीय चरण में 297 अन्य जिलों को इसके तहत लाया जाएगा.
नड्डा ने पहले कहा था कि मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था के बावजूद पिछले 30 वर्षों में भारत में मात्र 65 प्रतिशत बच्चों ने ही अपने जीवन के पहले साल में सभी टीके प्राप्त किए. पिछले चार साल में यह प्रतिशत प्रतिवर्ष एक प्रतिशत की दर से मात्र चार प्रतिशत ही बढा है. उन्होंने कहा ‘हमारा लक्ष्य वर्ष 2020 तक इसके तहत 90 प्रतिशत बच्चों को लाना है.’

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