देश ‘आर्थिक सुनामी’ की ओर बढ़ रहा है : विपक्ष

नई दिल्ली : विपक्ष ने आज आरोप लगाया कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था 1991 के संकट की स्थिति से दूर नहीं है और हालात ‘आर्थिक सुनामी’ की ओर बढ़ रहे हैं. लोकसभा में नियम 193 के तहत देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2013 2:14 PM

नई दिल्ली : विपक्ष ने आज आरोप लगाया कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था 1991 के संकट की स्थिति से दूर नहीं है और हालात ‘आर्थिक सुनामी’ की ओर बढ़ रहे हैं.

लोकसभा में नियम 193 के तहत देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि सरकार में अर्थशास्त्रियों की ‘त्रिमूर्ति’ :प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और वित्त मंत्री पी चिंदबरम: के बावजूद अर्थव्यवस्था हर क्षेत्र में न केवल सिकुड़ रही है बल्कि यह ‘दिवालिया’ हो गई है.

उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक हालात इतने खराब और अराजक हो चुके हैं कि ‘‘1991 का आर्थिक संकट अब दूर नहीं है ..एक तरह की आर्थिक सुनामी आई है जिसमें करोड़ों देशवासियों की जीविका प्रभावित हो रही है, करोड़ों लोग रोजगार गवां रहे हैं. कृषि, विनिर्माण, विदेशी मुद्रा भंडार, सेवा क्षेत्र सहित सभी क्षेत्र सिकुड़ रहे हैं.’’

कम्युनिस्ट नेता ने कहा कि यह सरकार समावेशी विकास और समावेशी अर्थव्यस्था की बात करती है लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं. उन्होंने कहा कि मनरेगा और कल सदन में पारित हुए खाद्य सुरक्षा विधेयक इस बात के सुबूत हैं कि विकास की दौड़ में समाज का बड़ा हिस्सा वंचित और भूखा है. इस वंचित समाज को कुछ दिन का रोजगार देने के लिए पहले मनरेगा और भूखों का दो जून की रोटी देने के लिए कल खाद्य सुरक्षा विधेयक लाया गया. उन्होंने कहा कि यह स्थिति कुछ दिनों में या बाहरी कारणों से नहीं बनी है बल्कि पिछले दस साल से संप्रग सरकारों की गलत और अमेरिका परस्त नीतियों का नतीजा है.

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