मराठी फिल्म प्रदर्शन के सवाल पर शिवसेना व शोभा डे आमने-सामने, शोभा बोलीं मैं डर से मुंबई छोड़ने वाली नहीं हूं
मुंबई :मुंबईके मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम शो में केवल मराठी फिल्मे के प्रदर्शन पर मशहूर लेखिका शोभा डे व महाराष्ट्र सरकार की भागीदार शिवसेना आमने सामने आ गयी है. शिवसेना के आह्वान पर बडी संख्या में शिव सैनिक बडा पाव लेकर आज उनके घर पर जुट गये हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र खुद […]
मुंबई :मुंबईके मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम शो में केवल मराठी फिल्मे के प्रदर्शन पर मशहूर लेखिका शोभा डे व महाराष्ट्र सरकार की भागीदार शिवसेना आमने सामने आ गयी है. शिवसेना के आह्वान पर बडी संख्या में शिव सैनिक बडा पाव लेकर आज उनके घर पर जुट गये हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र खुद इस मुद्दे पर सडकों पर उतरे हैं. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने उनका तीखा विरोध करते हुए कहा है कि उन्हें मुंबई में रहने का हक नहीं है, वहीं शोभा डे ने कहा है कि वे शिवसेना के डर से मुंबई छोडने वाली नहीं हैं.
शोभा डे के खिलाफ शिवसेना का विरोध बढ़ता जा रहा है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में शोभा के खिलाफ जोरदार हमला बोलने के बाद शिवसेना ने शोभा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के लिए नोटिस भेजा है. शिवसेना ने शोभा डे को मुंबई छोड़ने की भी बात कही है.शिवसैनिक शोभा डे के घर के बाहर डेडे लेकर पहुंचे हैं. और उनके खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं.
Police barricades are up ! I am feeling perfectly calm and safe ! Thank you, Mumbai Police.
— Shobhaa De (@DeShobhaa) April 9, 2015
वहीं दूसरी ओर एक टीवी चैनल से बात करते हुए शोभा ने कहा कि वह मुंबई की लड़की हैं और किसी कीमत पर पर वे मुंबई नहीं छोड़ने वाली हैं. शोभा के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘एसेंबली में जो भी निर्णय लिया जायेगा उसके बाद ही विचार करुंगी.’ शोभा ने नोटिस के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
इससे पहले मराठी फिल्में दिखाना अनिवार्य किए जाने का विरोध करने को लेकर लेखिका शोभा डे पर शिवसेना ने तीखा हमला करते हुए आज कहा कि यदि बाल ठाकरे ने मराठी संस्कृति को बचाने के लिए ‘दादागीरी’ नहीं की होती तो शोभा के पूर्वज ‘पाकिस्तान में पैदा हुए होते’ और वह ‘पेज-3 पार्टियों में बुर्के में शामिल होतीं.’
मल्टीप्लेक्सों में प्राइम टाइम में मराठी फिल्में दिखाना अनिवार्य करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए शोभा ने ट्वीट किया था ‘मैं मराठी फिल्मों से प्यार करती हूं. यह मुझे निर्णय करने दीजिए कि मैं कब और कहां उन्हें देखूं, देवेंद्र फडणवीस. यह कुछ और नहीं, बल्कि दादागीरी है.’
सत्तारुढ गठबंधन सहयोगी ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर जानी मानी उपन्यासकार के ट्वीट पर कल आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग की थी. शिवसेना ने यहां अपने मुखपत्र सामना में आज एक संपादकीय में कहा ‘आपने मराठी भूमि के लिए बडी सेवा की है जिसमें आप पैदा हुईं. महाराष्ट्र के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की टिप्पणियां एक मराठी महिला ने कीं.’
शिवसेना ने कहा ‘मराठी संस्कृति और भोजन पर शोभा ने जो टिप्पणी की है, वह मराठी लोगों का अपमान करने के समान है. उन्होंने हमारी संस्कृति का भी अपमान किया है.’ संपादकीय में पाकिस्तान शब्द के संदर्भ के बारे में पूछे जाने पर पार्टी ने स्पष्ट किया कि टिप्पणियां मराठी लोगों पर ‘अन्याय के खिलाफ’ शिवाजी और बाल ठाकरे की लडाई को रेखांकित करने के लिए हैं.
शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कल कहा था कि शोभा डे ने सदन की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शोभा ने अपने ट्वीट में कहा कि मल्टीप्लेक्सों में अब पॉपकॉर्न की जगह (मराठी भोजन) ‘दही मिसल’ और ‘वडा पाव’ मिलेगा.