मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने मल्टीप्लेक्स मालिकों को बडी राहत देते हुए आज उन्हें दोपहर के तीन बजे से रात के नौ बजे तक किसी भी एक शो में मराठी फिल्में दिखाने की छूट दे दी है. यह उनके लिए बडी राहत है. दो दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने एक चौंकाने वाले निर्णय के तहत मंुबई के मल्टीप्लेक्स मालिकों को शाम में छह बजे से नौ बजे के प्राइम टाइम शो में मराठी फिल्मों को दिखाना अनिवार्य कर दिया था.
आज राज्य सरकार के फैसले में यह बदलाव राज्य के संस्कृति मंत्री विनोद तावडे व मल्टीप्लेक्स मालिकों की बैठक के बाद आया. माना जा रहा है कि मल्टीप्लेक्स मालिकों के लिए यह बडी राहत है. अब वे किसी भी एक शो में फिल्म दिखा कर राज्य सरकार के नियमों का पालन कर लेंगे. आम तौर पर लोगों का आकर्षण हिंदी फिल्मों को लेकर होता है और शाम के प्राइम शो में दर्शकों की भीड ज्यादा होती है. यह समय ही उनके राजस्व का प्रमुख स्रोत होता है. ऐसे में सरकार का नया फैसला मल्टीप्लेक्स मालिकों के लिए खुशखबरी की तरह है.
राज्य सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि सिनेमा घर मालिकों को दादा साहब फाल्के पर एक लघु फिल्म दिखानी होगी और उससे पहले राष्ट्रगान बजाया जायेगा. उधर, मराठी फिल्मों के प्रदर्शन के मुद्दे पर मशहूर लेखिका शोभा डे की आलोचन से नाराज शिवसेना ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया. शिवसेना ने उनके बयान को मराठी व मुंबई का अपमान करार दिया और कहा कि उन्हें वहां रहने का हक नहीं है. आज दिन में शिवसेना ने उनके घर के सामने प्रदर्शन भी किया. वहीं, शोभा डे ने कहा है कि वह शिवसेना से डरने वाली नहीं है और अपनी बात पर कायम रहेंगी.