न्यायालय ने इतालवी मरीन को तीन महीने और इटली में रहने की अनुमति दी
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने इतालवी मरीन मैसीमिलियानो लातोरे को चिकित्सा आधार पर तीन महीने और इटली में रहने की आज अनुमति प्रदान कर दी. केरल समुद्रतट से दूर 2012 में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में लातोरे और उसके एक अन्य साथी आरोपी हैं. न्यायमूर्ति ए आर दवे की अध्यक्षता वाली तीन […]
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने इतालवी मरीन मैसीमिलियानो लातोरे को चिकित्सा आधार पर तीन महीने और इटली में रहने की आज अनुमति प्रदान कर दी. केरल समुद्रतट से दूर 2012 में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में लातोरे और उसके एक अन्य साथी आरोपी हैं.
न्यायमूर्ति ए आर दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने लातोरे का यह आश्वासन रिकार्ड में लेने के बाद उसे 15 जुलाई तक की मोहलत प्रदान की कि वह शीर्ष अदालत द्वारा लगाई गयी शर्तो का पालन करने को तैयार है.इस बीच, न्यायालय ने इतालवी मरीन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सोली सोराबजी और के टी एस तुलसी से कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई में अब विलंब नहीं किया जाये.
न्यायाधीशों ने इस मामले में इन मरीन पर मुकदमा चलाने के लिये विशेष अदालत गठित करने और सुनवाई की प्रगति के बारे में सवाल करते हुये कहा, ‘‘मामले में कुछ तो प्रगति होनी चाहिए.’’ यह सूचित किये जाने पर कि शीर्ष अदालत ने ही मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा रखी है, न्यायाधीशों ने कहा कि मामले पर फैसला किया जाये अन्यथा उनके सिर पर तलवार लटकी ही रहेगी.
पीठ ने उच्चतम नयायालय की रजिस्टरी से कहा कि दोनों मरीन, सह आरोपी सल्वातोरे गिरोने सहित, की याचिका सुनवाई के लिये अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सूचीबद्ध की जाये.तुलसी ने कहा कि मछुआरों की मौत की घटना की जांच के राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के अधिकार को चुनौती दी गयी है क्योंकि केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि इस मामले मे एसयूए कानून कानून नहीं होता है.