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मीडिया की नजर में कितना अहम हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा?

इंटरनेट डेस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक जापान यात्रा शुरू हो गयी है. आज उनकी फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद से औपचारिक बातचीत होगी. बाद में वे फ्रांस के प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे. भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे में सबसे अहम मुद्दा फ्रांस से राफेल विमानों की खरीद और न्यूक्लियर करार है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र […]

इंटरनेट डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक जापान यात्रा शुरू हो गयी है. आज उनकी फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद से औपचारिक बातचीत होगी. बाद में वे फ्रांस के प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे. भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे में सबसे अहम मुद्दा फ्रांस से राफेल विमानों की खरीद और न्यूक्लियर करार है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया भी एक एक अहम मुद्दा है.
ली फिगेरो अखबार में मोदी का इंटरव्यू
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांसीसी अखबार ली फिगेरो में एक इंटरव्यू भी प्रकाशित किया गया है. इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस को अपना अहम रणनीतिक साझीदार बताया है और उन्होंने न्यूक्लियर इनर्जी व डिफेंस के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढने की उम्मीद जतायी है. इस अखबार को मोदी ने अपना लिखित इंटरव्यू दिया है. 126 राफेल विमान खरीद के अटके समझौते पर उन्होंने कहा है कि हम दोनों इस विषय पर आपसी सहमति से आगे बढेंगे. इस अखबार के अनुसार, मोदी ने कहा है कि वे न्यूक्लियर करार को लेकर भी उम्मीद लगाये हुए है. वहीं, इसी सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने कहा था कि हम यह नहीं चाहते कि पीएम मोदी की यात्रा किसी एक मुद्दे या बिंदु तक सीमित रह जाये. हालांकि वास्तविकता यह है कि फ्रांसीसी मीडिया के लिए सबसे रुचिकर विषय है.
बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट
बीबीसी की रिपोर्ट फ्रांस में स्थित वरिष्ठ पत्रकार वैजू नरावने के नाम से प्रकाशित हुई है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मोदी के पहले दौरे को लेकर यहां काफी कम कवरेज है. उनके अनुसार, वहां की एक दो अखबारों में भी इस पर खबरें हैं. उनके अनुसार, वहां के लोग इसे कम अहमियत दे रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि ओलांद ने कहा दिया है कि मोदी के दौरे के दौरान राफेल की खरीद पर न कोई बात होगी और न ही घोषणा. उन्होंने लिखा है कि फ्रांस के लोगों के मन में भारत को लेकर शक है, खासकर अफसरशाही को लेकर. उनकी रिपोर्ट के अनुसार, वहां के लोग भारत से अधिक चीन को अनुशासित मानते हैं. उन्होंने रिपोर्ट किया है कि परमाणु संयंत्रों को लेकर भी सौदे की कम उम्मीद है और यह करार वाणिज्य व्यापार, इन्फ्रास्ट्रक्चर व टेक्नोलॉजी जैसे मुद्दे पर ही सीमित रह सकता है.
न्यूज वेबसाइट दी लोकल की रिपोर्ट
वहां की न्यूज वेबसाइट ने दी लोकल ने इसी शीर्षक से खबर लिखी है. इस न्यूज वेबसाइट के अनुसार, मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान उनका खुले दिल से भव्य स्वागत किया गया. वहीं, ओलांद के हवाले से इस न्यूज वेब ने राफेल के सवाल पर लिखा है कि दोनों देश इस पर चर्चा कर सकते हैं. हालांकि इस वेबसाइट से इसके अलावा, मोदी के अपने युवाओं के नौकरी के अवसर तैयार करना के मुद्दे को अहमियत दी है. वेबसाइट ने मोदी के राजनीतिक इतिहास और गुजरात दंगों के बाद उन पर यूरोपीय यूनियन द्वारा लगाये प्रतिबंध का भी उल्लेख किया है.
मालूम हो कि भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमान की खरीद पर पूर्व में ही बात हो चुकी थी, लेकिन आखिरी वक्त पर 2012 में यह करार अटक गया था. उस समय 20 बिलियन डॉलर में 126 राफेल विमानों की खरीद का यह समझौता कीमत और डिलीवरी गारंटी की के मुद्दे पर अटक गयी थी. हालांकि दी लोकल न्यूज वेबसाइट ने इस डील को 12 बिलियन डॉलर का ही बताया है.
एमइए की वेबसाइट पर इंडिया राइट्स नेटवर्क की रिपोर्ट
विदेश मंत्रालय ने विदेश नीति मामलों के विशेषज्ञ मनीष चांद की की रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर पोस्ट की है. मनीष चांद इंडिया राइट्स नेटवर्क के प्रधान संपादक हैं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर एक इ मैगजीन जर्नल के प्रकाशन से जुडे हैं. उन्होंने अपने आलेख को शीर्षक दिया है, इंडिया एंड फ्रांस : स्प्र्रींग टाइम. उन्होंने अपने आलेख के माध्यम से कहा है कि दोनों नेताओं की इस औपचारिक मुलाकात को रिश्तों का बसंत करार दिया है.
उन्होंने लिखा है कि यह वार्ता भारत और यूरोप की बडी अर्थव्यवस्था के बीच के संबंधों में उत्साह भरने वाला व उसे एक नयी उंचाई देने वाला है. मनीष चांद ने पिछले साल ब्रिसबेन में जी 20 सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच पहली बार गर्मजोशी से हुई मुलाकात का उल्लेख किया है और फ्रांस के लिए भारत की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने मोदी के शपथ लेने के बाद एक सप्ताह के अंदर ही अपने विदेश मंत्री लारेंट फेबियस को भारत भेजा.
उन्होंने पीएम मोदी को सुधारवादी राजनेता करार देते हुए लिखा है दोनों नेता न्यूक्लियर उर्जा, व्यापार, निवेश, तकनीक व रक्षा समझौतों पर अहम वार्ता करेंगे. इस मुलाकात के मेक इन इंडिया व स्मार्ट सिटी जैसे बिंदुओं पर जोर रहने की बात उन्होंने कही है. साथ ही फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली एब्दो पर हुए आतंकी हमले के बाद बनी परिस्थितियों के कारण दोनों देश आतंकवाद के मुद्दे पर भी साझेदारी बढोंयेगे. मनीष चांद लिखते हैं कि दोनों नेता आंतकवाद को खात्मे के लिए खुफिया सूचनाओं की साझेदारी पर भी बात करेंगे.

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