बेंगलूर : भारत की सामुद्रिक सुरक्षा को नया बल मिलने वाला है क्योंकि फ्रेंच गयाना में कोरु अंतरिक्ष केंद्र से यूरोपीय अंतरिक्ष यान एरियनस्पेस नौसेना के लिए देश में ही निर्मित विशिष्ट उपग्रह जीसैट 7 को लेकर शुक्रवार को उड़ान भरेगा. यह उपग्रह रक्षा गतिविधियों को समर्पित देश की पहली अंतरिक्ष प्रणाली है.
इस उपग्रह का निर्माण करने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इसमें फ्रिक्वेंसी बैंड्स हैं, जिससे सामुद्रिक संचार में मदद मिलेगी.’’अधिकारी ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘‘इस उपग्रह की पहुंच भारतीय क्षेत्र के अलावा आसपास के समुद्री क्षेत्र तक होगी. सुरक्षा और निगरानी के पहलुओं से यह महत्वपूर्ण है.’’
एक वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘अब तक नौसेना की पहुंच सीमित थी. ऐसे में नौसेना के विशिष्ट उपयोग के लिए एक समन्वित मंच की जरुरत महसूस की गई. इससे पहले पोतों में उपग्रह संचार इनमारसेट (वैश्विक मोबाइल उपग्रह संचार सेवा प्रदाता) के जरिए होता था. अब भारत के पास अपनी खुद की प्रणाली होगी.’’