आसाराम मामला : गहलोत ने कार्रवाई का वादा किया

नयी दिल्ली : आसाराम की गिरफ्तारी की बढ़ती मांग के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज वादा किया कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के परिणाम के आधार पर ‘‘कठोर कार्रवाई’’ की जाएगी. बहरहाल 72 वर्षीय आसाराम के बेटे नारायण साई ने आरोप लगाने वाली 16 वर्षीय लड़की को ‘‘मानसिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2013 9:04 PM

नयी दिल्ली : आसाराम की गिरफ्तारी की बढ़ती मांग के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज वादा किया कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के परिणाम के आधार पर ‘‘कठोर कार्रवाई’’ की जाएगी.

बहरहाल 72 वर्षीय आसाराम के बेटे नारायण साई ने आरोप लगाने वाली 16 वर्षीय लड़की को ‘‘मानसिक रुप से असंतुलित ’’ बताया. गहलोत ने असाराम मामले में जांच से अवगत कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से नई दिल्ली में मुलाकात की. गहलोत ने कहा कि जांच करते हुए पुलिस को किसी दबाव में नहीं आना चाहिए. आसाराम के खिलाफ 16 वर्षीय लड़की द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न मामले की जांच जोधपुर पुलिस कर रही है.

जोधपुर पुलिस ने कहा कि आसाराम की याचिका पर इसने अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है. आसाराम ने मामले के सिलसिले में उपस्थित होने के लिए और वक्त की मांग की है. असाराम को जोधपुर पुलिस के समक्ष 30 अगस्त से पहले उपस्थित होने के लिए समन किया गया है.

शिंदे के साथ मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा कि संत..महात्माओं को विवादों से दूर रहना चाहिए क्योंकि वह समाज में सम्मानीय होते हैं और धार्मिक विश्वासों से जुड़े होते हैं.

यह पूछने पर कि क्या आसाराम को गिरफ्तार किया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘‘जांच करते समय पुलिस को किसी दबाव में नहीं आना चाहिए और ऐसा नहीं होगा. जांच के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’’ गहलोत ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि कोई भी व्यक्ति कानून से उपर नहीं है और कानून को अपना काम करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘संतों को समाज में पवित्रता बनाए रखनी चाहिए ताकि उनके खिलाफ आरोप की उंगली नहीं उठे. वे सम्मानित होते हैं और धार्मिक विश्वासों से जुड़े होते हैं.’’ राजकोट में अनुयायियों को संबोधित करते हुए आसाराम के बेटे नारायण साई ने कहा कि लड़की मानसिक रुप से असंतुलित लगती है.

उन्होंने कहा, ‘‘वह दो से ढाई घंटे स्नान करती थी.. वह मानसिक रुप से असंतुलित लगती थी. इस समस्या के समाधान के लिए उसके अभिभावक उसे छिंदवाड़ा से लेकर जोधपुर आसाराम बापू के पास आए.’’ जोधपुर में डीसीपी अजय पाल लांबा ने कहा कि आसाराम के आग्रह पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है जिसमें उन्होंने पुलिस के समक्ष उपस्थित होने के लिए और समय की मांग की है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस सिलसिले में हमें बापू का कोई आवेदन नहीं मिला है. यह आवेदन लेकर आने वाला दल अभी जोधपुर नहीं पहुंचा है और आवेदन देखने से पहले हम कुछ नहीं कह सकते.’’ उधर, नोएडा में शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने आसाराम के प्रवक्ता के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. आसाराम ने खुद की तुलना सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव से की थी जिसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए.

पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी नोएडा के सेक्टर 62 में नीलम दुबे के घर के बाहर इकट्ठा हुए और उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की. इससे पहले दिल्ली सिख गुरुद्वारा समिति ने दुबे के खिलाफ नई दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि उन्होंने आसाराम की तुलना गुरु नानक देव से कर सिख समुदाय के धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाई है.

केंद्र सरकार ने आज राजस्थान सरकार से कहा कि वह प्रवचनकर्ता आसाराम को खास मानकर उनके साथ विशेष व्यवहार न करे. एक परामर्श में गृह मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान सरकार को आसाराम के साथ खास व्यवहार नहीं करना चाहिए और उसे सामान्य व्यक्ति ही मानना चाहिए.

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