विधि मंत्रालय ने आरटीआई से छूट के लिए डीएई को संसद से संपर्क करने को कहा

नयी दिल्ली: विधि मंत्रालय ने परमाणु उर्जा विभाग के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसमें उसने सरकारी अधिसूचना के जरिए आरटीआई के दायरे से छूट देने का प्रस्ताव दिया था. मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की राहत के लिए वह संसद से संपर्क करे. डीएई ने पारदर्शिता कानून से छूट के लिए कार्मिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2013 9:10 PM

नयी दिल्ली: विधि मंत्रालय ने परमाणु उर्जा विभाग के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसमें उसने सरकारी अधिसूचना के जरिए आरटीआई के दायरे से छूट देने का प्रस्ताव दिया था. मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की राहत के लिए वह संसद से संपर्क करे.

डीएई ने पारदर्शिता कानून से छूट के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से संपर्क किया था. उसने कहा था, ‘‘आरटीआई के तहत खुलासे से विभाग के तहत विभिन्न संगठनों के लिए काम कर रहे तीसरे पक्ष की प्रतिस्पर्धी स्थिति को नुकसान पहुंचेगा क्योंकि उनकी तकनीकी विशेषज्ञता से समझौता हो सकता है. उसने यह भी कहा कि डीएई के साथ समझौते के तहत काम कर रही विभिन्न कंपनियों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिए आरटीआई से छूट जरुरी है.

डीएई ने छूट मांगने वाले अपने प्रस्ताव में कहा, ‘‘आरटीआई के तहत खुलासे से तीसरे पक्ष की प्रतिस्पर्धी स्थिति को नुकसान होगा, जिन्होंने यह अपेक्षा करते हुए हमारे साथ काम करने पर सहमति जताई कि उनकी तकनीकी विशेषज्ञता की रक्षा की जाएगी.’’डीओपीटी आरटीआई के लिए प्रशासनिक मंत्रालय है. उसने डीएई के अनुरोध पर उसकी राय के लिए विधि मंत्रालय से संपर्क किया.

विधि मंत्रालय ने आगाह किया है कि सरकारी आदेश के जरिए इस तरह की नीतियों में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. उसने कहा कि डीएई संबंधित कानूनों में संशोधन के जरिए संसदीय मंजूरी मांगने को स्वतंत्र है.

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