जंदल की याचिका निरस्त

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने जेल प्रबंधन और सुरक्षा तथा कैदियों की सुरक्षा को नीतिगत मामला बताते हुए लश्कर ए तैयबा के संदिग्ध आतंकवादी अबु जंदल की याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में जंदल ने खुद को अकेले कोठरी में नहीं रखे जाने के लिए जेल अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2013 9:13 PM

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने जेल प्रबंधन और सुरक्षा तथा कैदियों की सुरक्षा को नीतिगत मामला बताते हुए लश्कर ए तैयबा के संदिग्ध आतंकवादी अबु जंदल की याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में जंदल ने खुद को अकेले कोठरी में नहीं रखे जाने के लिए जेल अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी.

पिछले वर्ष जून में गिरफ्तार जंदल फिलहाल मुंबई के आर्थर रोड जेल की उसी कोठरी में बंद है जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को रखा गया था. जंदल को 26/11 आतंकवादी हमले में संलिप्तता और 2006 के औरंगाबाद हथियार मामले में गिरफ्तार किया गया था.

जंदल ने उच्च न्यायालय में याचिका देकर कोठरी से स्थानांतरित करने और अकेले कोठरी में नहीं रखे जाने की मांग की. याचिका में कहा गया, ‘‘आवेदक (जंदल) को छह महीने से अकेले बंद कमरे में रखा गया है. इसके कारण वह हताश है और सोचने में सक्षम नहीं है. सभी विचाराधीन कैदियों की तरह जंदल को भी आम बैरक में रखा जाना चाहिए और कुछ छूट दी जानी चाहिए.’’ महाराष्ट्र सरकार ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि सुरक्षा कारणों से उसे अलग कमरे में रखा गया है.

न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति जी. एस. पटेल ने सरकार के तर्क को मान लिया और याचिका को खारिज कर दिया. पीठ ने कहा, ‘‘क्या यह आरोपी का अधिकार है कि वह कहे कि उसे कहां बंद किया जाना चाहिए ? ये सभी नीतिगत मामले हैं. कुछ चिंताएं जाहिर की गईं और इसलिए उसे अकेले कोठरी में बंद रखने का निर्णय किया गया.’’

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