स्वामी ने किया राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने के फैसला का विरोध, कहा जाऊंगा कोर्ट

नयी दिल्लीः नरेंद्र मोदी फ्रांस दौरे के दौरान कई समझौते कर रहे हैं. लेकिन 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने का समझौता खटाई में पड़ सकता है. इस समझौते को लेकर भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वारी ने निराशा जताते हुए यहां तक कह दिया कि अगर सरकार अपने इस फैसले से पीछे नहीं हटती तो उन्हें कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2015 9:19 AM

नयी दिल्लीः नरेंद्र मोदी फ्रांस दौरे के दौरान कई समझौते कर रहे हैं. लेकिन 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने का समझौता खटाई में पड़ सकता है. इस समझौते को लेकर भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वारी ने निराशा जताते हुए यहां तक कह दिया कि अगर सरकार अपने इस फैसले से पीछे नहीं हटती तो उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटना पडेगा.

नरेंद्र मोदी तीन देशों की विदेश यात्रा पर है. फ्रांस के अपने पहले दौरे में किये गये समझौतों की चर्चा जोरों पर है. इसमें कई अहम फैसले लिए गये हैं जिनमें रक्षा, निवेश, सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल है. इन समझौतों के तहत फ्रांस से 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने का फैसला भी लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, हमने रोफेल एयरक्राफ्ट फालाइंग स्थिति में खरीदने का फैसला लिया है. इस संबंध में आगे की बातचीत ऑफिसर करेंगे और इस पर जल्द से जल्द फैसला लेंगे. इस फैसलो को लेकर मोदी की जल्दीबाजी साफ दिखायी दी.
दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, जिस एयरक्राफ्ट को खरीदने का फैसला सरकार ने लिया है उनका प्रदर्शन लीबिया और मिस्त्र में अच्छा नहीं है. इस खराब प्रदर्शन को देखने के बाद भी भारत क्यों उन जेट्स को खरीदना चाहता है. स्वामी ने इस एयरक्राफ्ट में कई कमियां गिनायी और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसे खरीदने का फैसला लिया गया तो वह अदालत जाकर इस फैसले के खिलाफ शिकायकत करेंगे. उन्होंने कहा मेरे पास पीआईएल दायर करने का अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा. इस विमान में कई कमियां है जिनमें ईधन की ज्यादा खपत भी शामिल है. इसी कारण इसे कोई देश खरीदने का तैयार नही है और कंपनी दिवालिया होने के राह पर है. अगर भारत फ्रांस की मदद ही करना चाहता है तो वह इस कंपनी को ही खरीद ले.
36 राफेल एयरक्राफ्ट की खरीद में स्वामी के विरोध के बाद सरकार इस पर क्या फैसला लेगी?. क्या इस पर और विरोध बढेगा?. विपक्ष भी इसे मुद्दा बनाकर मोदी की विदेश यात्रा को घेरने की कोशिश करेगा?,र क्या सरकार इस फैसले को लेकर बैकफुट पर आयेगी?. इन सारे सवालों का जवाब तो वक्त बतायेगा लेकिन कई समझौते को लेकर जहां सरकार की तारीफ हो रही है वहीं कुछ समझौते के कारण सरकार को घेरा भी जा रहा है.

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