जलवायु परिवर्तन पर दुनिया को साथ आने की जरुरतः जावडेकर

उदयपुर: केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत गंभीरता से अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है और बाकी देशों को भी इस मुद्दे पर ईमानदारी से अपनी भूमिका निभानी होगी.जावडेकर आज उदयपुर में सज्जनगढ बायोलॉजिकल पार्क के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2015 7:34 PM

उदयपुर: केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत गंभीरता से अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है और बाकी देशों को भी इस मुद्दे पर ईमानदारी से अपनी भूमिका निभानी होगी.जावडेकर आज उदयपुर में सज्जनगढ बायोलॉजिकल पार्क के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के रुप में सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिस एवं ओले गिरना, अरब में आए तूफान की रेत का पुणे तक पहुंचना, ये सभी जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न हुए संकट की चेतावनी देते हैं. हमें निश्चित ही पर्यावरण के प्रति गंभीर होना पडेगा. विकास एवं प्रकृति संरक्षण पर समानांतर बल देने की जरुरत है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा के बाद अब अन्य नदियों की साफ सफाई एवं संरक्षण की बीडा उठाया है. इसकी योजना बनाई जा रही है और जल्द ही अन्य नदियों के संरक्षण को भी जन-आंदोलन बनाया जायेगा.

जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी येाजना के तहत राजस्थान में एक लाख मेगावाट सौर उर्जा, साठ हजार मेगावाट पवन उर्जा, दस हजार मेगावाट जैविक उर्जा तथा पांच हजार मेगावाट छोटी पवन उर्जा मिलाकर कुल एक लाख 75 हजार मेगावाट स्वच्छ उर्जा के विकास का लक्ष्य रखा गया है.

जावडेकर ने कहा कि जंगलों को संरक्षण देने की संस्कृति के लिये विश्नोई समाज का स्मरण करते हुए कहा कि राजस्थान ने अपने गौरवमयी इतिहास के साथ जंगल एवं पानी बचाने के मामले में मिसाल पैदा की है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने झील संरक्षण विधेयक को पारित कर जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में अनूठा कार्य किया है. विविध कार्यों के माध्यम से राज्य सरकार मरु भूमि को हरित भूमि बनाने की दिशा में कार्य कर रही है.उन्होंने पौधारोपण को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.

उन्होंने राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की मांग पर सज्जनगढ पहाडी से बारिश में बहकर जाते हुए जल को रोककर पार्क की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये बनाई जाने वाली योजना के साथ वल्र्ड पार्क और अन्य योजनाओं की स्वीकृति में अविलंब सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया.

जावडेकर ने उम्मीद जताई कि सज्जनगढ बायोलोजिकल पार्क आमजन के प्रकृति एवं वन्य जीवों से संवाद व शिक्षा का विश्वविद्यालय बनेगा. उन्होंने कहा कि पार्क के माध्यम से लोगों को रोजगार मिलेगा एवं इको टूरिज्म में बढोतरी होगी.

राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि 26 करोड रुपये की लागत से निर्मित बायोलॉजिकल पार्क का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है और द्वितीय चरण में अन्य प्रमुख जानवरों को पार्क में लाया जायेगा.

प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं खान मंत्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि मेवाड के शौयपूर्ण इतिहास सुन्दर झीलों, वाले उदयपुर शहर में बायोलॉजिकल पार्क के कारण इको टूरिज्म का विकास होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास के कारण रणथम्भौर में तीन लाख से अधिक पर्यटक आ चुके है.

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