नयी दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बीरेंद्र सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच अनबन आज मंच पर आ गयी. घटनाक्रम कुछ इस तरह घटी की कि बीरेंद्र सिंह एक कार्यक्रम में मंच पर आसीन थे और अपना संबोधन कर रहे थे, मंच पर मुख्यमंत्र खट्टर भी उपस्थित थे, इसी दौरान बीरेंद्र सिंह ने यह कह दिया कि हरियाणा में सिर्फ मुख्यमंत्री ताकतवर है और उसी की चलती है. मैं केंद्रीय मंत्री हूं लेकिन मेरी मर्जी से हरियाणा में कुछ नहीं हो सकता.
अगर एक चपरासी का तबादला भी हरियाणा में होता है, तो वह भी सीएम की मर्जी से. बीरेंद्र सिंह इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रदेश के लिए अच्छी नहीं है. एक सीएम में इतनी ताकत नहीं निहित होनी चाहिए. सांसद और विधायक भी प्रदेश में अपनी बात कह सकते हैं और उनके अनुसार भी प्रदेश में कार्य होने चाहिए.
आखिर खट्टर से नाराज क्यों हैं बीरेंद्र सिंह
बीरेंद्र सिंह पूर्व कांग्रेसी हैं और उनका पूरा ध्यान हरियाणा की राजनीति पर रहता है. उनका हरियाणा प्रेम लोगों के लिए जगजाहिर है, क्योंकि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. वे काफी लंबे समय से हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर नजर गड़ाये बैठे हैं. कांग्रेस छोड़कर जब वे भाजपा में आये, तो संभवत: उस वक्त भी उनकी नजर हरियाणा के सीएम की कुर्सी पर ही थी. अब जबकि वे केंद्रीय मंत्री हैं, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी के प्रति उन्हें जो मोह है, वह कम नहीं हो पाया है, इसलिए उनके हरियाणा के मुख्यमंत्री से संबंध अच्छे नहीं हैं.