72 घंटे में छत्तीसगढ़ में तीसरा बड़ा नक्सली हमला, दंतेवाड़ा में विस्फोट, चार जवान शहीद

दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ के दंतेवाडा जिले में नक्सलियों ने बारुदी सुरंग में विस्फोट कर बम निरोधक वाहन को उडा दिया. इस हमले में छत्तीसगढ पुलिस के चार जवान शहीद हो गए तथा सात जवान घायल हो गए हैं. घायलों में से दो की हालत गंभीर है. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2015 4:51 PM

दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ के दंतेवाडा जिले में नक्सलियों ने बारुदी सुरंग में विस्फोट कर बम निरोधक वाहन को उडा दिया. इस हमले में छत्तीसगढ पुलिस के चार जवान शहीद हो गए तथा सात जवान घायल हो गए हैं. घायलों में से दो की हालत गंभीर है.

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने आज भाषा को दूरभाष पर बताया कि दंतेवाडा जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र के अंतर्गत चोलनार से किरंदुल मार्ग के मध्य नक्सलियों ने बारुदी सुरंग में विस्फोट कर बम निरोधक वाहन को उडा दिया. इस घटना में वाहन में सवार 11 पुलिसकर्मियों में से चार जवान शहीद हो गए तथा सात अन्य घायल हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है.

कल्लूरी ने बताया कि चोलनार से किरंदुल के मध्य सडक निर्माण कार्य चल रहा है जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस दल को तैनात किया गया है. आज जब सुरक्षा बल के जवान निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे थे तब नक्सलियों ने बारुदी सुरंग में विस्फोट कर दिया.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल के लिए अतिरिक्त पुलिस दल रवाना किया गया तथा शवों और घायलों को वहां से निकालने की कार्रवाई की जा रही है. घायलों को एनएमडीसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दो की हालत गंभीर है. उन्होंने बताया कि पुलिस दल ने क्षेत्र में हमलावर नक्सलियों की खोज तेज कर दी है.

दंतेवाड़ा जिले में नक्सली घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है. 72 घंटे में यह तीसरी सबसे बड़ी नक्सली घटना है. इससे पहले चोलनार कैंप के नजदीक सोमवार को नक्सलियों ने आर्म्ड फोर्स पर हमला कर दिया था. इस हमले में कई जवान शहीद हो गये थे. इससे पहले सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सात जवान शहीद हो गए. घंटों तक इनकी लाशें जंगल में पड़ी रही थी.
एक तरह केंद्र सरकार जहां राज्य सरकार को स्पेशल पैकेज के जरिये नक्सल पर लगाम लगाने की हिदायत दे रही है. वही ग्रीन हंट जैसे कार्यक्रम भी नक्सलियों के बढ़ते दबदबे को कम करने की कोशिश कर रही है. इन सभी योजनाएं के बावजूद भी छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही.

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