भुवनेश्वर (बरहमपुर) : छत्तीसगढ़ में सुरक्षाकर्मियों पर सिलसिलेवार नक्सली हमलों के मद्देनजर आज ओडिशा के माओवाद प्रभावित जिलों में, खासकर दक्षिणी क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया.
पुलिस महानिदेशक संजीव मारिक ने बताया कि माओवाद प्रभावित जिलों, खासकर छत्तीसगढ से लगते क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है. छत्तीसगढ में हुई घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट करने के साथ ही माओवाद प्रभावित जिलों के पुलिस अधीक्षकों से संदिग्ध लोगों पर कडी नजर रखने को कहा गया है.
पुलिस को आशंका है कि पिछले तीन दिन में सुकमा, दंतेवाडा और कांकेर जिलों में हिंसा के बाद पडोसी राज्य में सघन खोज अभियान के चलते माओवादी ओडिशा में प्रवेश कर सकते हैं. पुलिस महानिरीक्षक (दक्षिण पश्चिम) वाईके जेठवा ने बताया कि राज्य के सभी नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस अधीक्षक छत्तीसगढ से माओवादियों की घुसपैठ की आशंका को लेकर हाई अलर्ट पर हैं.
उन्होंने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के कडाई से अनुपालन पर जोर देने के साथ ही खुफिया नेटवर्क को भी मजबूत कर दिया गया है.पुलिस को संदेह है कि ओडिशा माओवादी पार्टी के नेता सब्यसाची पांडा की पिछले साल 17 जुलाई को हुई गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ से भाकपा :माओवादी: कैडर सीमावर्ती गंजाम, गजपति, कंधमाल, बोउध और रायगढा में संगठन को मजबूत करने की भरसक कोशिश कर रहा है.
कंधमाल के पुलिस अधीक्षक केवी सिंह ने कहा,’ छत्तीसगढ में घटनाओं के बाद कंधमाल जिले में खोजी अभियान तेज कर दिया गया है. हमने अपने कर्मियों से कहा है कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में संदिग्ध लोगों की गतिविधि पर कडी नजर रखें.’ पुलिस अधीक्षक (गजपति) एस नायक ने कहा,’ जिले से गुजरने वाले लंबी दूरी के वाहनों की तलाशी ली जा रही है और नक्सल रोधी अभियान तेज कर दिया गया है.’ अभियान में पुलिस के अतिरिक्त केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों, जिला स्वयंसेवी बल (डीवीएफ) और सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) को भी लगाया गया है.
पिछले साल सब्यसाची पांडा की गिरफ्तारी के बाद इन जिलों में हिंसा की कोई बडी घटना नहीं हुई है. पुलिस ने पिछले महीनों में तलाशी अभियान के दौरान कंधमाल और गंजाम जिलों में बडी मात्रा में हथियार एवं गोला बारुद और माओवादी साहित्य बरामद