योगेन्द्र ने कहा, अभी नयी पार्टी बनाने का वक्त नहीं आया

गुडगांव : आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट धडे के नेता योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण ने आज इन संभावनाओं को खारिज कर दिया कि वे तुरंत कोई नयी पार्टी बनाने जा रहे हैं. यहां आयोजित स्वराज संवाद आयोजन में दिन भर चले विचार मंथन के बाद शाम को कार्यकर्ताओं समर्थकों को संबोधित करते हुए योगेंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 6:10 PM
गुडगांव : आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट धडे के नेता योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण ने आज इन संभावनाओं को खारिज कर दिया कि वे तुरंत कोई नयी पार्टी बनाने जा रहे हैं. यहां आयोजित स्वराज संवाद आयोजन में दिन भर चले विचार मंथन के बाद शाम को कार्यकर्ताओं समर्थकों को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रशांत जी की तरह मैं भी मानता हूं कि अभी वह वक्त नहीं आया है कि हम पार्टी बनायें. उन्होंने कहा कि अभी हमें एक अभियान शुरू करने की जरूरत है.
योगेंद्र यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आम आदमी पार्टी किसी की बपौती नहीं है कि हम इसे छोड देंगे. उन्होंने कहा कि आप अभियान चलायें, लोगों से संपर्क करें, लोग आपसे जुडेंगे और और फिर छह महीने बाद आप अपने इस काम की समीक्षा करें. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि आप लोगों से संवाद करें, तब फैसला लें. योगेंद्र यादव ने कहा कि राजनीति को 5000 साधुओं की जरूरत है, लेकिन मैं नहीं जानता हूं कि मैं वैसा हूं या नहीं. उन्होंने जुआ खेल का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें एक समय आता है, जब डबल या क्विट करने की स्थिति होती है, यानी आप अपना दावं डबल कर दें या खेल छोड दें. उन्होंने कहा कि अगर जुआरियों की बात छोड दें तो मैं कहता हूं कि मैं अपना डबल करने व देने को तैयार हूं.
योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले दिनों कुछ मित्र मिलने आये और बोले अरे यार अच्छी खासी नौकरी थी, लिखने पढने की, कहां उसे छोड कर चले गये, वापस आ जाओ. लेकिन मैं आप सबसे कहना चाहता हूं कि मेरे जीवन के अब जितने साल बचे हैं, उसका 24 घंटे मैं वैकल्पिक राजनीति व देश बनाने में लगाउंगा. उन्होंने कहा कि मैंने दोस्तों, परिवार व बच्चों से विचार विमर्श कर यह तय किया है.
आप के असंतुष्ट धडे के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि अब जितना भी जीवन शेष है, वह सिर्फ इस देश में वैकल्पिक राजनीति को तैयार करने में ही लगेगा. हम व हजारों कार्यकर्ता जिस सपने को लेकर चलें, जिसको छोड वे आज घर में बैठ रहे हैं, उसको जोडना है. यह संकल्प है हमारा.
उन्होंने साधु वाली कहानी का हवाला देते हुए कहा कि साधु ने पहले गुड खाने की आदत छोडी तब उसने बच्चे को गुड खाना छोडने को कहा, उसी तरह मैं आपसे खास कर युवा साथियों से पूछना चाहूंगा कि आप कितना अधिक से अधिक समय देंगे. उन्होंने कहा कि खास कर युवा साथियों से मैं कहूंगा कि वे अपना अधिक से अधिक वक्त दें, जीवन के कुछ साल दें, कुछ पूरा जीवन दें, ताकि हम वैकल्पिक राजनीति तैयार कर सकें.

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