आधा अधूरा है भूमि अधिग्रहण विधेयक: विपक्ष

नयी दिल्ली : कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण किसानों की अनुमति के बिना नहीं किये जाने का प्रावधान करने की पुरजोर मांग करते हुए विपक्ष ने आज लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास विधेयक को आधा अधूरा करार दिया जबकि सत्ता पक्ष ने इस विधेयक को क्रांतिकारी बताया. ग्रामीण विकास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2013 5:17 PM

नयी दिल्ली : कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण किसानों की अनुमति के बिना नहीं किये जाने का प्रावधान करने की पुरजोर मांग करते हुए विपक्ष ने आज लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास विधेयक को आधा अधूरा करार दिया जबकि सत्ता पक्ष ने इस विधेयक को क्रांतिकारी बताया.

ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश द्वारा पेश किये गये भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन विधेयक 2011 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार जल्दबाजी में एक ऐसा विधेयक लेकर आयी है जो कई मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक से भू स्वामियों की समस्याएं कम होने के बजाय बढ़ेंगी.

राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान में भू स्वामियों के लिए भूमि , जमीन का एक टुकड़ा भर नहीं होती बल्कि इस जमीन से उनका भावनात्मक और सांस्कृतिक लगाव भी होता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट कहती है कि हिंदुस्तान में साढ़े छह करोड़ किसान विस्थापित हुए हैं और इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह मुद्दा कितना महत्वपूर्ण है.

1894 के इस कानून में 1962, 1967 और 1984 में किए गए संशोधनों का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि संप्रग सरकार के साढ़े नौ साल का कार्यकाल गुजर चुका है और सरकार इतनी देरी करके लायी भी तो एक आधा अधूरा विधेयक.

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में विवाद का विषय रहा है लेकिन सरकार ने इस विधेयक में भी लोक हित की आड़ में इस क्षेत्र के लिए रास्ता निकाल लिया है.

Next Article

Exit mobile version