मालेगांव विस्फोट मामले में मकोका एक्ट से साध्वी प्रज्ञा को राहत, एक महीने में जमानत पर सुनवाई का निर्देश

नयी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने मालेगांव विस्फोट मामले में आज साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर व कर्नल पुरोहित को बडी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रमाणित नहीं हो पा रहा है कि इन पर मकोका क्यों लगाया गया है. शीर्ष अदालत ने निचली अदालत ने कहा है कि साध्वी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2015 11:27 AM

नयी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने मालेगांव विस्फोट मामले में आज साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर व कर्नल पुरोहित को बडी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रमाणित नहीं हो पा रहा है कि इन पर मकोका क्यों लगाया गया है. शीर्ष अदालत ने निचली अदालत ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा मामले में जमानत संबंधी याचिका पर सुनवाई अगले एक महीने में विचार करे.

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के मामले में एक आरोपी को छोड कर अन्य विचाराधीन के जमानत संबंधी याचिका पर फैसला करते समय मकोका के प्रावधानों पर विचार नहीं करने को कहा है. न्यायालय ने कहा कि मकोका के प्रावधान आरोपी राकेश डी धावडे पर पूर्ववर्ती मामले में उसकी कथित संलिप्तता के कारण लागू है.

क्या है मालेगांव विस्फोट?
मालेगांव विस्फोट भारत के सबसे चर्चित आतंकी घटनाओं में एक माना जाता है. यह घटना 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के एक कब्रगाह के निकट घटित हुई थी. इसमें कम से कम सात लोग मारे गये थे व दर्जनों लोग घायल हो गये थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था और उन पर महाराष्ट्र सरकार का आतंकवाद निरोधी कानून मकोका लगाया गया था.

Next Article

Exit mobile version