सीबीआइ ने अदालत में कहा 2जी मामले में डॉ मनमोहन सिंह को ए राजा ने किया गुमराह

नयी दिल्ली : सीबीआई ने आज विशेष अदालत के समक्ष दलील दी कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुडे नीतिगत मामलों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘गुमराह’ किया. मामले में अंतिम दलील देते हुए विशेष लोक अभियोजक आनंद ग्रोवर ने कहा कि अन्य आरोपियों के साथ साजिश में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2015 1:28 PM

नयी दिल्ली : सीबीआई ने आज विशेष अदालत के समक्ष दलील दी कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुडे नीतिगत मामलों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘गुमराह’ किया.

मामले में अंतिम दलील देते हुए विशेष लोक अभियोजक आनंद ग्रोवर ने कहा कि अन्य आरोपियों के साथ साजिश में राजा ने टू जी लाइसेंस आवंटनों में आरोपी कंपनियों के पक्ष में कट ऑफ तारीख आगे बढा दी थी. ग्रोवर ने दलील दी कि राजा ने स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड जैसी ‘अयोग्य’ कंपनियों को स्पेक्ट्रम दिया जाना मंजूर किया.
उन्होंने कहा कि कुछ आरोपियों के पक्ष में पहले आओ पहले पाओ (एफसीएफएस) नीति बदल दी गयी और राजा ने तत्कालीन विधि मंत्री का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया जिन्होंने अहम नीतिगत मामलों को मंत्रियों के अधिकारप्राप्त समूह के पास भेजने की पेशकश की थी.राजा की ओर से दो नवंबर 2007 को तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए ग्रोवर ने कहा, ‘‘असल में, उन्होंने :राजा ने: एफसीएफएस और कट ऑफ तारीख पर उन्हें (मनमोहन सिंह) को गुमराह किया.’’ अभियोजक ने कहा, ‘‘डीओटी (दूरसंचार विभाग) में अदभुत चीजें हुयी जिससे पता चलता है कि यह(एफसीएफएस नीति में बदलाव)आरोपियों के पक्ष में जानबूझकर किया गया.’’
मामले में अंतिम जिरह सुनवाई की अगली तारीख 25 मई तक जारी रहेगी.मामला टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित है जिसमें राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और कुछ शीर्ष कॉरपोरेट अधिकारी सहित 15 अन्य मुकदमे का सामना कर रहे हैं.मामले में साक्ष्यों की रिकार्डिंग 11 नवंबर 2011 को शुरु हुयी थी. अदालत ने एजेंसी की ओर से दाखिल किये गए दो आरोप पत्रों में 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किया.
अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि टू जी स्पेक्ट्रम के लिए 122 लाइसेंसों के आवंटन में 30,984 करोड रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ. उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी 2012 को आवंटन रद्द कर दिये थे. राजा और कनिमोई के अलावा, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तकों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के एमडी संजय चंद्रा, रिलायंस अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष अधिकारी- गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरी नायर मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.कुसेगांव फूट्र्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी भी मामले में आरोपी बनाए गए हैं.

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