21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भाजपा से मुकाबले के लिए एक हुए जनता परिवार के छह दल, मुलायम बने मुखिया

नयी दिल्ली : बहुप्रतीक्षित जनता परिवार के औपचारिक एकता का आज एलान हो गया. नयी पार्टी का नाम समाजवादी जनता पार्टी होगा और मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय स्तर पर इसका नेतृत्व करेंगे. मुलायम सिंह यादव के घर पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.मुलायम पार्टी संसदीय बोर्ड के भी अध्यक्ष होंगे. बैठक के बाद […]

नयी दिल्ली : बहुप्रतीक्षित जनता परिवार के औपचारिक एकता का आज एलान हो गया. नयी पार्टी का नाम समाजवादी जनता पार्टी होगा और मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय स्तर पर इसका नेतृत्व करेंगे. मुलायम सिंह यादव के घर पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.मुलायम पार्टी संसदीय बोर्ड के भी अध्यक्ष होंगे. बैठक के बाद शरद यादव ने कहा कि पार्टी के नाम व चुनाव निशान की घोषणा बाद में होगी.इस पार्टी का गठन छह समाजवादी दलों मुलायम सिंह यादव की पार्टी समाजवादी जनता पार्टी, नीतीश कुमार व शरद यादव की पार्टी जनता दल यूनाइटेड, लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा की पार्टी जनता दल सेकुलर, ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल व कमल मुरारका की समाजवादी जनता पार्टी के विलय से हुआ है.
शरद यादव ने कहा कि राजद, जदयू, इनेलोद, सजपा, जद एस, सपा के नेताओं की बैठक में नये दल के गठन का निर्णय लिया गया. नये दल के नेता शरद यादव होंगे. उन्होंने कहा कि मौजूदा सभी दलों के अध्यक्ष, मसलन शरद यादव, लालू प्रसाद, ओमप्रकाश चौटाला, एचडी देवगौडा, कमल मुरारका मुलायम सिंह यादव से विचार विमर्श कर चुनाव निशान, पार्टी के झंडा पर निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए कमेटी गठित की गयी है, जिसमें रामगोपाल यादव भी सदस्य हैं.
वहीं, लालू प्रसाद ने कहा कि हमारे मन में इगो का कोई प्राबलम नहीं हैं और मुलायम सिंह यादव हमारे नेता हैं. उन्होंने बिहार चुनाव में भाजपा को हराने का एलान किया.
नीतीश कुमार ने कहा कि एकजुटता के लिए विचार मंथन चल रहा था. हमने प्रारंभ में ही एकजुट होने की बात कही थी. हमने साथ में कार्यक्रम भी चलाये. अपनी पिछली बैठक में विलय का एलान किया था. उन्होंने कहा कि विलय व नाम आदि तय करने के लिए अध्यक्षों की कमेटी बनायी गयी है. उन्होंने मुलायम सिंह यादव को नये प्रस्तावित दल का नेता चुने जाने के लिए बधाई दी. वहीं, सजपा नेता कमल मुरारका ने कहा कि किसान, मजदूरों के लिए नयी पार्टी बनायी है. हम उन लोगों के हाथ में यह देश सौंपना चाहते हैं, वही इसके मालिक हैं. उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से हमने नेताजी को अपना नेता चुना है.
वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वर्तमान में देश में सही मायने में चुनौतियां हैं और देश की सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया. मोदी सरकार का साल भर हो गया है, लेकिन एक भी काम नहीं किया. सीमाओं की सुरक्षा को लेकर भी इस सरकार ने कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि पहले की सरकार तो कुछ न कुछ करती थी, लेकिन इस सरकार ने कुछ काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह ऐसी सरकार है जो विपक्षी दलों की राय नहीं लेती है. उन्होंने कहा कि इसलिए हम सब एक हुए. उन्होंने कहा कि हम सब जब जब एक हो जाता हैं, तो देश में राज हमारा ही होता है. उन्होंने कहा कि देवगौडा जी से मैं मिला वे भी खुश हैं. उन्होंने कहा कि आप लोग जो निर्णय लेंगे उसके साथ मैं रहूंगा. मुलायम ने कहा कि हमारे बारे में अफवाह उडाया गया. उन्होंने कहा कि गरीब, किसान, नौजवान, बेरोजगार, आदिवासी सब निराश हैं. उन्होंने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि इनके एमपी, एमएलए यहां गाली दे रहे हैं, लेकिन ये उन्हें डांट भी नहीं रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव क अलावा, एचडी देवेगौडा, नीतीश कुमार, शरद यादव, लालू प्रसाद, ओपप्रकाश चौटाला इसके अहम नेता होंगे. पार्टी की राज्य इकाइयों का नेतृत्व फिलहाल वैसा ही होगा, जैसा अभी दिख रहा है. यानी बिहार में नीतीश कुमार, उत्तरप्रदेश में मुलायम व उनके पुत्र अखिलेश, हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला, कर्नाटक में एचडी देवेगौडा पार्टी का नेतृत्व करेंगे.
मुलायम के नाम के मायने
पहले से ही जनता परिवार के सभी प्रमुख नेता यह संकेत देते रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव इस पार्टी के राष्ट्रीय नेता होंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि मुलायम का नेतृत्व समाजवादियों ने क्यों स्वीकार किया. मुलायम सिंह यादव नि:संदेह समाजवादी राजनेताओं में सबसे वरिष्ठ हैं. अगर पद हासिल करने की उपलब्धि को छोड दिया जाये, तो उन्हें पूर्व पीएम एचडी देवेगौडा से भी राजनीतिक वरिष्ठता हासिल है. मुलायम देश के सबसे बडे राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां 80 लोकसभा सीटें हैं. मुलायम की राष्ट्रीय राजनीति में जबरदस्त साख है और तमाम राजनीतिक मतभेदों के बावजूद उनकी वरिष्ठता और एक राजनेता के रूप में योग्यता को न तो सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस और न ही नरेंद्र मोदी अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा खारिज या नजरअंदाज करती है या कर सकती है. ऐसे में उन्हें नेतृत्व सौंपना काफी अहम है. मुलायम सिंह यादव को पिछले दो दशकों से पीएम मैटेरियल माना जाता रहा है.
नीतीश कुमार की छवि व कामकाज
जनता परिवार का नया अवतार नीतीश कुमार की पहचान को भुनाने की हर संभव कोशिश करेगी. नीतीश कुमार को भारतीय राजनीति में एक शानदार प्रशासक व गवर्नेंस देने वाले शख्स माने जाते हैं. नीतीश कहते भी हैं सुशासन ही उनकी यूएसपी है और वे इसी के दम पर जनता से वोट मांगेंगे. शासन चलाने की उनकी शैली के हर दल व वर्ग में प्रशंसक हैं. खास्तहाल बिहार को पटरी पर लाने के लिए उन्होंने काफी काम किया है. नीतीश कुमार की राष्ट्रीय राजनीति में इस कारण विशिष्टि पहचान है. जनता परिवार की पहली पांत के नेताओं में निर्विवाद रूप से नीतीश की छवि सबसे साफसुथरी है, जिन पर किसी तरह की अनियमितता का आरोप नहीं लगा है. नीतीश की परफॉर्मर होने व स्वच्छ छवि का लाभ जनता परिवार उठाना चाहेगा.
बिहार और उत्तरप्रदेश का विधानसभा चुनाव अहम
जनता परिवार के लिए बिहार व उत्तरप्रदेश का चुनाव अहम होगा. इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है और 2017 में उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव होगा. इन दो चुनावों में विजय हासिल करना जनता परिवार के लिए अहम उपलब्धि होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें