नयी दिल्लीः नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार की जासूसी पर केंद्र सरकार ने उनसे जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए अंतरमंत्रालीय समिति गठित की है. अब यही समिति तय करेगी कि किन-किन फाइलों को सार्वजनिक किया जाएगा. इस समिति में पीएमओ, आईबी, गृहमंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं. इस कमिटी की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करेंगे और इसकी पहली बैठक गुरुवार को होनी है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला तय किया जाएगा.
नेताजी के पौत्र सूर्य कुमार बोस ने जर्मनी में बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बोस ने मुलाकात में प्रधानमंत्री से नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग दोहराई थी.
सूर्य ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि दस्तावेजों को जल्द सार्वजनिक किया जाए क्योंकि वह हालिया खबरों से स्तब्ध हैं कि जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने नेताजी के परिवार की जासूसी कराई थी.
उधर नेताजी के एक अन्य पौत्र चंद्र कुमार बोस ने बीते दिनों कोलकाता में कहा कि हम चाहते हैं कि केन्द्र और राज्य की सरकारें नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलें तत्काल सार्वजनिक करें. यह उनसे अपील नहीं है बल्कि यह हमारी मांग है. आम आदमी जानना चाहता है कि नेताजी के साथ क्या हुआ.
उधर, गृह मंत्रालय ने नेताजी से जुड़ी कोई भी फाइल अपने पास होने से इनकार किया. सूत्रों के अनुसार नेताजी से जुड़ी 83 फाइलें हैं जिनमें से 58 फाइलें पीएमओ और 25 फाइलें विदेश मंत्रालय के पास है.