मुंबई : विधानसभा उपचुनाव में नारायण राणे के खिलाफ अपनी जीत से हर्षित शिवसेना ने आज कहा कि जो भी ठाकरे के मातोश्री आवास के आंगन में आने का दुस्साहस करेगा, उसे ‘‘दफन कर दिया जाएगा और माफ नहीं किया जाएगा.’’ कांग्रेस के 63 वर्षीय दिग्गज राणे शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे का गढ रहे बांद्रा पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में कल सत्तारुढ पार्टी की तृप्ति सावंत से उपचुनाव हार गए थे. छह महीने के भीतर राणे की यह लगातार दूसरी हार है. शिवसेना ने कहा कि यदि राणे तीसरी बार चुनाव लडते हैं तो इससे भी ज्यादा अंतर से हारेंगे.
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में कहा गया, ‘‘यह चुनाव यह सबक सिखाता है कि जो लोग मातोश्री (ठाकरे परिवार का आवास) के आंगन में आने की कोशिश करेंगे, उन्हें दफना दिया जाएगा और माफ नहीं किया जाएगा. देखते हैं, हमें कौन हरा सकता है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘यह सीट (शिवसेना नेता) बाला सावंत के निधन के बाद खाली हुई थी. उपचुनाव निर्विरोध होना चाहिए था. लेकिन, हमारे खिलाफ एक अहंकारी आदमी को उतारकर कांग्रेस ने जनता के सामने खुद बेनकाब कर लिया है.’’ तृप्ति सावंत को उपचुनाव में 52,711 वोट मिले, जबकि राणे के खाते में 33,703 वोट गए और वह 19,008 वोटों से हार गए.
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन के उम्मीदवार रहबर खान तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 15,050 वोट मिले. संपादकीय में कहा गया, ‘‘2014 के विधानसभा चुनाव में नारायण राणो 10 हजार वोटों से हारे थे. इस बार उनकी हार का अंतर दोगुना हो गया है. हमें इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि यदि वह अगली बार चुनाव लडते हैं तो वह तीन गुना अंतर से हारेंगे.’’ राणे के लिए प्रचार करने वाले राकांपा प्रमुख शरद पवार पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने कहा कि उन्हें पार्टी के आंगन में आकर शिवसेना के खिलाफ आने और प्रचार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी.
भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार में गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने असदुद्दीन ओवैसी पर यह कहकर हमला बोला कि निर्वाचन क्षेत्र में मुसलमानों ने एआईएमआईएम को दफन कर दिया है और यह सुनिश्चित कर दिया कि उसके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाए. इसने कहा, ‘‘मुसलमानों ने ओवैसी की जहरीली राजनीति का समर्थन नहीं किया. दोनों भाइयों (असदुद्दीन और अकबरुद्दीन) ने लोगों के मन में विष भरने की पूरी कोशिश की. लेकिन इसका परिणाम उनके उम्मीदवार की जमानत जब्त हो जाने के रुप में निकला.’’