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मसरत आलम की गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर में पत्थरबाजी, 14 लोग घायल

श्रीनगर/नयी दिल्ली :पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाले मसरत आलम को आज गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे पुलिस हुमहामा थाने ले गयी है जहां मसरत के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो सकता है. उसके बाद मसरत आलम को वहां से आज दिन में बडगाम थाने ले जाया गया है. सूत्रों का कहना […]

श्रीनगर/नयी दिल्ली :पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाले मसरत आलम को आज गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे पुलिस हुमहामा थाने ले गयी है जहां मसरत के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो सकता है. उसके बाद मसरत आलम को वहां से आज दिन में बडगाम थाने ले जाया गया है. सूत्रों का कहना है कि वहां से उसे श्रीनगर सेंट्रल जेल भेज दिया जायेगा. उसको ले जाते वक्त वहां सुरक्षा के कडे प्रबंध किये गये थे. उधर, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया है कि सरकार बताये कि क्या मसरत आलम व सैयद अली शाह गिलानी पर देशद्रोह का मुकदमा लगाया गया है.

मसरत आलम की गिरफ्तारी के बाद पुराने श्रीनगर में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की. मसरत के घर के पास भी पत्थरबाजी हुई है. सबसे ज्यादा पत्थरबाजी जामा मसजिद के निकट हुई है. यहां आज जुमे की नवाज पढने हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरम गुट के नेता मीर वाइज उमर आये थे. इसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ आसफा कानून हटाने व त्राल में गोलीबारी में दो लडकों के मारे जाने के विरोध में पैदल मार्च निकाला. इसी दौरान पत्थरबाजी शुरू हुई. पुलिस को इसको रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पडा.पुलिस को अश्रु गैस का प्रयोग भी करना पडा. पुलिस व प्रदर्शकारियों की झडप में 14 लोग घायल हो गये.

पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वाले मसरत आलम को ऐसा लगता है किसी का डर नहीं है.उसने गुरुवार को बड़ी बेबाकी से कहा कि उसे गिरफ्तारी का डर नहीं है और वह फिर वैसे ही नारे लगाने को तैयार है. खबर है कि शुक्रवार को त्राल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसके मद्देनजर मसरत और गिलानी सहित पांच नेताओं को रात में ही नजरबंद कर लिया गया था. पुलिस सादे लिबास में गिलानी के घर के बाहर पहरा दे र‍ही है. त्राल में कश्मीरी युवक के सेना के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के विरोध में आज प्रदर्शन होगा.

आज इस संबंध में मसरत ने कहा कि हमें घर के अंदर नजरबंद कर लिया गया है जिस कारण त्राल का कार्यक्रम सफल नहीं हो पायेगा.केंद्रीय राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू कश्‍मीर के विषय को लेकर अलगाववाद को लेकर और राष्‍ट्रवाद के विषय को लेकर न समझौता हुआ है और न होगा.

सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व में इस प्रदर्शन का आह्वान किया गया है. जम्मू कश्मीर में पीडीपी नीत सरकार ने गठबंधन सहयोगी भाजपा के दबाव में आज अलगाववादी नेता मसरत आलम को यहां बुधवार को आयोजित एक रैली के दौरान पाकिस्तानी ध्वज लहराने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा ‘‘बुधवार को एक रैली में उकसाने वाली गतिविधियों को अंजाम देने के सिलसिले में बडगाम पुलिस थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया है.’’ अधिकारी ने बताया कि 45 वर्षीय कट्टरपंथी अलगाववादी नेता को कल रात से नजरबंद रखा गया था. आज सुबह उनको शहर के हब्बाकदम इलाके में उसके आवास से गिरफ्तार कर शहीदगंज पुलिस थाना लाया गया.

जब उसे पुलिस ले कर जा रही थी तब मसरत ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी नई बात नहीं है क्योंकि ‘‘जम्मू कश्मीर में ताकत के बल पर शासन चलाया जा रहा है.’’ उसने कहा ‘‘जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी ध्वज लहराना और आजादी के समर्थन में नारे लगाना नई बात नहीं है. यह 1947 से होता आ रहा है.’’ यह गिरफ्तारी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी द्वारा पुलवामा जिले में त्राल इलाके तक मार्च का आह्वान किए जाने से पहले हुई जहां सोमवार को उग्रवाद विरोधी एक अभियान में दो युवक मारे गए थे.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि दोनों युवक फर्जी मुठभेड में मारे गए. लेकिन सेना कह रही है कि वे उग्रवादी थे और गोलीबारी में मारे गए. पुलिस ने पाकिस्तानी ध्वज लहराने सहित उकसाने वाली गतिविधियों को कथित तौर पर अंजाम देने के आरोप में भट और गिलानी सहित कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया ‘‘गिलानी, भट, बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्ला तथा अन्य अलगाववादी नेताओं के खिलाफ हैदरपोरा में उकसाने वाली गतिविधियों को अंजाम देने तथा पाकिस्तानी ध्वज लहराने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.’’ प्रवक्ता ने बताया ‘‘बडगाम पुलिस थाने में गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून की धारा 13, आरपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 147 (दंगा फैलाना), 341 (घायल करना), 336 (सरकारी कर्मी पर हमला करना), 427 (धोखाधडी) के तहत प्राथमिकी संख्या 92-2015 दर्ज की गई है. मामले की जांच की जा रही है.’’ जन सुरक्षा कानून के तहत चार साल तक जेल में रहे भट को पीडीपी नीत सरकार ने पिछले माह ही रिहा किया है. भट ने कहा कि प्रशासन में बदलाव के बावजूद राज्य सरकार की नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.

उसने कहा ‘‘अपनी रिहाई के समय ही मैंने कहा था कि शासन में बदलाव हुआ पर नीति में बदलाव नहीं हुआ। वे शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को इसी तरह रोकते हैं.’’आलम की रिहाई से देश भर में हंगामा हुआ था और संसद में भी यह मुद्दा उठा था जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में एक बयान दिया था. बुधवार को गिलानी के स्वागत में आयोजित रैली में पाकिस्तानी ध्वज लहराए जाने और भारत विरोधी नारे लगाए जाने के बाद राज्य सरकार में पीडीपी की गठबंधन भागीदार ने फिर से भट की गिरफ्तारी की मांग दोहराई थी. इस बीच, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे त्रल इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी मार्च की अनुमति नहीं देंगे.

मसरत आलम और गिलानी की नजरबंदी पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सरकार पर हमला किया है. उन्होंने ट्वीट किया मसरत आलम और गिलानी जम्मू कश्मीर की सरकार की मेहमान नवाज़ी में बिरयानी नौश फ़रमा रहे हैं क्या उन पर देश द्रोह का मुकदमा दायर हुआ है ?


सैयद गिलानी नजरबंद

केंद्र सरकार के सख्त बयान के बाद जम्मू-कश्मीर की सरकार मसरत आलम और गिलानी सहित पांच लोगों को नजरबंद कर लिया है. मसरत के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. लेकिन, राज्य सरकार को आशंका है कि उसकी सीधी गिरफ्तारी से कानून-व्यवस्था बनाये रखने की नयी चुनौती पेश आयेगी. बुधवार को श्रीनगर की रैली में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने, पाकिस्तानी झंडा लहराने और माहौल बिगाड़ने को गंभीरता से लेते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत की धरती पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे को बरदाश्त नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती को फोन कर मसरत आलम को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा. मुफ्ती से जब मसरत पर कार्रवाई के बाबत पूछा गया, तो उन्होंने यह कह कर सवाल टाल दिया कि अगर गलती होगी, तो कानून अपना काम करेगा. पुलिस ने कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी को गुरुवार देर रात नरबंद कर दिया. जम्मू-कश्मीर सरकार ने त्रल में शुक्रवार को होनेवाली गिलानी की रैली पर प्रतिबंध लगा दिया है.

श्रीनगर में लोगों का पाकिस्तानी झंडा लहराया जाना पाक के प्रति प्रेम को दिखाता है

पाकिस्तान ने कहा कि श्रीनगर की सडकों पर लोगों द्वारा पाकिस्तानी झंडा लहराया जाना कश्मीरियों और पाकास्तिानियों के बीच ‘गहरे और लंबे समय के भावनात्मक संबंध’ को दर्शाता है. कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की रैली में पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी और झंडे लहराए जाने पर प्राथमिकी दायर होने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि यह एक अफसोसजनक कदम है. गौरतलब है कि गिलानी की गैर कानूनी गतिविधियों को लेकर उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. असलम ने कहा कि भारत ने शांतिपूर्ण सभा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के खिलाफ बल प्रयोग करने का विकल्प चुना.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कश्मीरी नेतृत्व के खिलाफ आरोप फर्जी और गैर कानूनी हैं क्योंकि भारत के पास कश्मीर के लोगों को भारत के प्रति जुडाव दिखाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. कश्मीर के लोग विवादित क्षेत्र से हैं और उनका आखिरी समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक होना बाकी है.’’ असलम ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के मूल अधिकारों के लगातार उल्लंघन को लेकर चिंतित है और यह उन्हें पूरा नैतिक, राजनीतिक तथा कूटनीतिक समर्थन देने के लिए निरंतर सैद्धांतिक रुप से खडा रहेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और वर्किंग बाउंड्री के उल्लंघनों पर अतीत में चिंता जताई है तथा इसे भारत के समक्ष विभिन्न द्विपक्षीय तंत्रंे के जरिए उठाया है. एक अन्य सवाल के जवाब में असलम ने कहा कि पाकिस्तान का भारत को द्विपक्षीय प्रस्ताव स्ट्रेटेजिक रेस्ट्रेन रिजीम :एसआरआर: एक सकारात्मक प्रतिक्रिया के बगैर 1999 से लंबित पडा हुआ है.

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