सीबीआई ने आईएएस अधिकारी डी के रवि की मौत के मामले में जांच शुरु की
नयी दिल्ली : कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी डी के रवि की ‘‘अप्राकृतिक’’ मौत के मामले में सीबीआई ने गुरूवार को प्रारंभिक जांच शुरु की. रवि को करीब एक महीने पहले बेंगलूर स्थित उनके आवास पर पंखे से झूलता हुआ पाया गया था. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी हर पहलू की जांच करेगी. विशेष […]
नयी दिल्ली : कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी डी के रवि की ‘‘अप्राकृतिक’’ मौत के मामले में सीबीआई ने गुरूवार को प्रारंभिक जांच शुरु की. रवि को करीब एक महीने पहले बेंगलूर स्थित उनके आवास पर पंखे से झूलता हुआ पाया गया था. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी हर पहलू की जांच करेगी. विशेष अपराध इकाई की एक टीम इस बात की भी जांच करेगी कि रवि की मौत में कोई साजिश तो नहीं. केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञ दल जल्द ही घटनास्थल का भी दौरा करेगा. सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने कर्नाटक पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मामले की तफ्तीश की जिम्मेदारी संभाली है. राज्य सरकार की ओर से सौंपे जाने वाले विशेष आपराधिक मामलों की जांच में अपनाई जाने वाली यह सामान्य प्रक्रिया है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया, ‘‘एजेंसी राज्य सरकार द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आगे बढती है. आगे की जांच की जाती है और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अंतिम रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाती है. एजेंसी के निष्कर्ष राज्य पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों से अलग हो सकते हैं.’’ मामले से जुडे सभी दस्तावेज इकट्ठा करने के लिए सीबीआई की टीम बेंगलूर में सीआईडी के अधिकारियों से भी मिलेगी. सीबीआई की प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने कहा, ‘‘बेंगलूर में अतिरिक्त आयुक्त वाणिज्य कर :प्रवर्तन: के तौर पर काम कर रहे आईएएस अधिकारी डी के रवि की अप्राकृतिक मौत के मामले में पहले मादवाला पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए मामले की जांच के लिए सीबीआई ने एक प्रारंभिक जांच शुरु की है.’’ सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को आज डीओपीटी से अधिसूचना प्राप्त हुई जिसके बाद प्रारंभिक जांच शुरु की गई. यदि प्रथम दृष्टया सबूत पाए जाते हैं तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
कर्नाटक पुलिस ने शुरु में रवि की मौत को प्रथम दृष्टया खुदकुशी का मामला बताया था लेकिन अधिकारी के परिवार ने इस बात को स्वीकार नहीं किया. इस मामले में जनता के आक्रोश के बाद कर्नाटक सरकार ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. एजेंसी से तीन महीने में जांच पूरी करने को कहा गया था लेकिन एजेंसी ने समय सीमा स्वीकार नहीं की जिसके बाद राज्य सरकार को बिना समयसीमा के नई अधिसूचना जारी करनी पडी.