वेंकूवर/नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की तीन देशों की अपनी यात्रा को संपन्न कर आज स्वदेश रवाना हो गए. यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की आपूर्ति और कनाडा के साथ यूरेनियम करार सहित विभिन्न महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. प्रधानमंत्री ने अपनी रवानगी से पूर्व ट्विट किया, ‘‘गहन संतोष के साथ मैं कनाडा से रवाना हो रहा हूं. यह यात्रा भारत-कनाडा संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी.
I leave Canada with immense satisfaction. This visit will further enhance India-Canada ties. A big thanks to the people of Canada.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2015
कनाडा के लोगों का बहुत बहुत शुक्रिया.’’ मोदी ने स्वदेश रवानगी से पूर्व एक अन्य ट्विट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री हार्पर का विशेष रुप से शुक्रिया एक बेहतरीन मेजबान , शानदार इंसान और बेहद करीबी दोस्त.’’ प्रधानमंत्री का विमान दिल्ली की ओर बढने से पहले फ्रैंकफुर्त में ईंधन भरने के लिए कुछ समय रुकेगा.
मोदी की इस यात्रा में ‘‘मेक इन इंडिया’’ कार्यक्रम के जरिए भारत के विकास की खातिर निवेश और तकनीक को आकर्षित करने पर विशेष जोर रहा. अपनी जर्मनी यात्रा के दौरान मोदी ने हनोवर मेले का उद्घाटन किया जिसमें भारत एक साङोदार देश था और इसका शीर्षक ‘‘मेक इन इंडिया’’ रखा गया था. मोदी के इस नौ दिवसीय दौरे का पहला पडाव फ्रांस था. पेरिस में अपने प्रवास के दौरान मोदी ने राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद तथा कारोबारी नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जिसके तहत भारत फ्रांस से उडान भरने के लिए तैयार 36 राफेल लडाकू विमान खरीदेगा. इसके साथ ही महाराष्ट्र के जैतापुर में बंद पडी परमाणु परियोजना पर भी आगे बढने का फैसला किया गया.
इसके बाद, प्रधानमंत्री जर्मनी गए जहां उन्होंने जर्मन चांसलर ऐंजला मर्केल के साथ बातचीत की और जर्मनी से निवेश तथा कारोबार को सुगम बनाने के लिए एक प्रणाली भी स्थापित किए जाने का एलान किया. दोनों देशों ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को विस्तार देने पर भी सहमति जतायी. मोदी की यात्रा का अंतिम पडाव कनाडा था जहां कारोबारी नेताओं से मुलाकात करने और टोरंटो तथा वेंकूवर में रुकने के साथ ही उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर से ओटावा में मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद कनाडा 25 करोड 40 लाख डालर वाले एक पंचवर्षीय सौदे के तहत इस साल से भारतीय परमाणु रिएक्टरों की खातिर भारत को तीन हजार मेट्रिक टन यूरेनियम की आपूर्ति को सहमत हुआ.