नयी दिल्ली : रुपये के मूल्य में आ रही गिरावट को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संसद में दिये बयान से असंतुष्ट भाजपा ने आज आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का पूरा वक्तव्य निराशा, नकारात्मकता और कड़वाहट से भरा था.
राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने संसद परिसर में पार्टी ब्रीफिंग में कहा, प्रधानमंत्री का पूरा वक्तव्य निराशा, नकारात्मकता और कड़वाहट से भरा था. उन्होंने कहा कि देश में इस संकट की स्थिति में इतनी नकारात्मकता के साथ प्रधानमंत्री आशा और विश्वास कैसे पैदा कर सकते हैं?
प्रसाद ने कहा, हमें उम्मीद थी कि मनमोहन सिंह एक अच्छे डॉक्टर की तरह देश की परेशानियों की दवा बतायेंगे. मनमोहन सिंह के वक्तव्य में पूरी तरह विपक्ष पर निशाना साधे जाने का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कटाक्ष किया कि मनमोहन सिंह बड़े जननेता नहीं रहे और कभी लोकसभा चुनाव नहीं जीते.
उन्होंने कहा कि सिंह के नेतृत्व में देश में साढ़े नौ साल से सरकार चल रही है लेकिन वह अपनी सारी कमजोरियों का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ देते हैं.
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि विपक्ष संसद नहीं चलने दे रहा, इससे देश की छवि खराब होती है. क्या भ्रष्टाचार और जनता के पैसे की लूट से देश की छवि खराब नहीं होती? गौरतलब है कि आम तौर पर शांत रहने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज काफी आक्रामक तेवर में दिखे और उन्होंने राज्यसभा में मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह संसद की कार्यवाही बार- बार बाधित कर निवेशकों के विश्वास को नुकसान पहुंचा रही है. इसके बाद दोनों पक्षों में वाक युद्ध शुरु हो गया.
भाजपा नेता ने कहा, अगर विपक्ष का दबाव नहीं होता, मीडिया की सक्रियता नहीं होती और न्यायालय का हस्तक्षेप नहीं होता तो भ्रष्टाचार के एक भी मामले की जांच नहीं हो पाती. प्रसाद ने आरोप लगाया कि यह सरकार अपनी कमियों को छिपा रही है और सारी कमियों का ठीकरा पूर्व में वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी पर फोड़ रही है जो इस समय देश के राष्ट्रपति हैं.
कोयला घोटाले की फाइलें गुम होने के संबंध में प्रधानमंत्री ने आज राज्यसभा में कहा था कि मैं इन फाइलों का संरक्षक नहीं हूं. मनमोहन की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से बच रहे हैं. जिस कोयला घोटाले की फाइलों की बात हो रही है, उसके तो वह प्रमुख रहे हैं. उनकी जिम्मेदारी है कि इस मामले में अपनी निजी तौर पर निगरानी रखें.
सरकार की लगातार आलोचना करने के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने आज उच्च सदन में कहा कि पिछले नौ साल का अगर रिकार्ड देखा जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्य विपक्षी पार्टी यह नहीं पचा पा रही है कि वह सत्ता से बाहर हो गयी है
.