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जयललिता की याचिका पर कर्नाटक सरकार को नोटिस

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष लोक अभियोजक हटाने के निर्णय को चुनौती देने वाली अन्नाद्रमुक सुप्रीमो की याचिका पर आज कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया. न्यायमूर्ति बी एस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कर्नाटक सरकार के साथ […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष लोक अभियोजक हटाने के निर्णय को चुनौती देने वाली अन्नाद्रमुक सुप्रीमो की याचिका पर आज कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया.

न्यायमूर्ति बी एस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कर्नाटक सरकार के साथ ही इस पद से हटाये गये भवानी सिंह को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले में अब चार सितंबर को आगे सुनवाई होगी.

इस बीच, न्यायालय ने कहा है कि इस मामले में कोई नया लोक अभियोजक नियुक्त नहीं किया जायेगा.इससे पहले, न्यायालय जयललिता की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया. उनका कहना था कि अभियोजक को पद से हटाने का निर्णय बदला जाना चाहिए.

कर्नाटक सरकार ने 26 अगस्त को एक अधिसूचना जारी करके विशेष लोक अभियोजक पद से वरिष्ठ अधिवक्ता भवानी सिंह की नियुक्ति वापस ले ली थी. अन्ना द्रमुक सुप्रीमो पर 1991 से 1996 के दौरान 66.65 करोड रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. इस अवधि में वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं.

शीर्ष अदालत ने इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनवाई सुनिश्चित करने के इरादे से इसे 2003 में चेन्नै से बेंगलूर की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था क्योंकि इस अवधि में जयललिता प्रदेश की मुख्यमंत्री थी.

जयललिता का आरोप है कि उनकी प्रतिद्वन्द्वी द्रमुक सरकार ने राजनीतिक कारणों से यह मामला उन पर थोपा है. इस मामले में इससे पहले, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत निचली अदालत में जयललिता ने बयान दर्ज कराया था.

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