कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप बनाने की योजना का विरोध करते हुए जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक 30 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. अपने आंदोलन के दौरान मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की यह परंपरा हैं कि यहां हिंदू-मुसलमान और सिख साथ-साथ रहते हैं, इसलिए कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से रहने की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए. पिछले पांच-छह साल में कई कश्मीरी पंडित वापस घाटी में आ गये हैं और सबके साथ मिलजुलकर रह रहे हैं.
यासिन मलिक ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से कॉलोनी बनाने का मतलब है, उनके लिए भय का माहौल बनाना. हम उन्हें यह स्पष्ट बताना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में हिंदू, मुसलमान और सिख एक साथ मिलजुलकर रह सकते हैं.
केंद्र सरकार ने किया है कश्मीरी पंडितों के लिए अलग टाउनशिप का ऐलान
नरेंद्र मोदी सरकार ने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के लिए अलग टाउनशिप बनायी जायेगी और इसके लिए सरकार ने राज्य सरकार से जमीन उपलब्ध कराने को कहा है.गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की घोषणा की थी कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने उन्हें जमीन उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है.
मुफ्ती मोहम्मद सईद ने विधानसभा में टाउनशिप के लिए जमीन देने से किया इनकार
राजनाथ सिंह की घोषणा के बाद जम्मू कश्मीर में अलग से टाउनशिप बनाने का विरोध होने लगा, तब मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने विधानसभा में घोषणा की कि उन्होंने राजनाथ सिंह को कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से जमीन देने की घोषणा नहीं की है और ना ही वे अलग से टाउनशिप बनाने के समर्थक हैं.हालांकि मुफ्ती के इस बयान के बाद केंद्र सरकार की ओर से यह कहा गया है कि सरकार जो घोषणा कर चुकी है, उससे पीछे हटने का सवाल ही नहीं है.