नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने उन धारणाओं को आज खारिज कर दिया कि वह अलग-थलग पड गई हैं और उनका मंत्रालय आरएसएस को रिपोर्ट करता है. उन्होंने टाइम्स नाउ से कहा, ‘‘अगर आप सभी लेखों पर गौर करें तो उनमें कुछ कट एवं पेस्ट का काम है. अगर आप लेखों को देखें तो मुद्दे अधिक निजी हैं, जो मुझे यह मानने पर मजबूर करते हैं कि राजनैतिक तौर पर बात अगर शिक्षा की आती है. तो मुझे मात देना आसान नहीं है.’’उनसे राजनैतिक रुप से कद्दावर नहीं होने के बावजूद इस उंचाई तक उनके पहुंचने के बारे में उनके विचार पूछे गए थे.
इसपर ईरानी ने कहा कि यह अपने आप हालात बयां करता है कि राजनैतिक हस्ती नहीं होने के बावजूद वह अब ऐसी हैं जिसके बारे में हर कोई बात कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी कुछ कहता है. हो सकता है यथास्थिति को चुनौती की वजह से ऐसा हो रहा हो। मेरी राय है कि शिक्षा क्षेत्र राजनैतिक टकराव का क्षेत्र बन गया है. विगत 10 महीने में राजनैतिक आम सहमति उभर रही है. इसने काफी लोगों में घबराहट पैदा कर दी है.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रताडित महसूस कर रही हैं तो मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने कभी भी शहीद बनने का विलाप नहीं किया। मैंने कभी पीडित कार्ड नहीं खेला और आज भी इसे नहीं करुंगी.’’यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी में अलग-थलग महसूस कर रही हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं मानती.’’
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बारे में पूछे जाने पर ईरानी ने कहा, ‘‘मैं फैसला करने वाली नहीं हूं। मैं पार्टी कार्यकर्ता हूं. जो पद मैं धारण करती हूं उसके प्रति मेरी जिम्मेदारी है कि मैं संवैधानिक ढांचे के तहत मैं अपने दायित्वों को पूरा करुं.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या आपका कद छोटा किया जा रहा है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं मानती. मेरे साथ ऐसा संभव नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं मानती। मेरे प्रधानमंत्री ने सुशासन के मुद्दे पर चुनाव जीता.
उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री के तौर पर मुङो जिम्मेदारी सौंपी। मैं अपनी क्षमताओं के अनुसार अपनी जिम्मेदारियों का सर्वश्रेष्ठ तरीके से निर्वहन कर रही हूं। संसद में मेरा प्रदर्शन पूरे देश के लिए देखने और फैसला करने के लिए है. यह मेरे बॉस हैं जो मेरे बारे में फैसला करते हैं, मेरी पार्टी को मेरे बारे में फैसला करना है. मैं अब भी ठीक कर रही हूं.’’ शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र देश के संवैधानिक ढांचे के भीतर है. उन्होंने कहा, ‘‘वह कैसे गलत है.’’ उनके मंत्रालय के आरएसएस को रिपोर्ट करने की मान्यता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, ऐसा नहीं है.’’