नयी दिल्ली : रविवार की किसान रैली से पहले अपने आवास पर विभिन्न राज्यों के किसानों व उनके प्रतिनिधियों के साथ राहुल ने दो संवाद सत्र में चर्चा की. इस दौरान उन्होंने नये भूमि विधेयक पर किसान नेताओं से उनके विचार जाने. भूमि कानून का किसानों पर प्रभाव व देश में इसके बारे में समझ के बारे में विस्तार से चर्चा की.
करीब 50 मिनट के चर्चा सत्र में हिस्सा लेने वाले कुछ किसानों ने कहा कि ‘‘जो लोग जमीनी मुद्दों को नहीं समझते और जिन्हें कृषि की जानकारी नहीं है, वे नीतियां बनाने में लगे हैं. चाहे भाजपा नीत सरकार हो या पूर्व की कांग्रेस नीत सरकार हो. राहुल ने किसानों से स्पष्ट कहा कि वह उनकी समस्याओं के बारे में निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे. पार्टी इस लड़ाई को एक दिन, एक महीने या एक वर्ष में समाप्त नहीं होने देगी.
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— Congress (@INCIndia) April 18, 2015
वह सरकार को किसानों के समक्ष झुकने पर मजबूर कर देंगे और इस लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचायेंगे. राहुल के साथ मुलाकात करने वाले शिष्टमंडल में भट्टा परसौल गांव के किसान भी शामिल थे जहां 2011 में जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ राहुल ने पदयात्रा की थी.
बंद कमरे में चर्चा, रणनीति तैयार
बंद कमरे में हुईचर्चा सत्र के दौरान किसानों के साथ ही कांग्रेस महासचिव गुरुदास कामत, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, उत्तरप्रदेश प्रदेश कांग्रेस निर्मल खत्री, कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष के राजू के अलावा नसीब पठान भी मौजूद थे. किसान प्रतिनिधियों ने राहुल गांधी से किसानों के मुद्दों के बारे में स्लाइड शो एवं पावर प्वाइंट प्रस्तुति लिए समय मांगा. राहुल ने वहां उपस्थित काफी संख्या मे मीडियाकर्मियों से बात नहीं की. चर्चा सत्र में मुख्य रुप से उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और मध्यप्रदेश के किसानों ने हिस्सा लिया.
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मोदी व मौसम ने मारा
राहुल ने किसानों से कहा कि ‘मोदी और मौसम ने आपको को मार दिया है. कोई भी सरकार हो, हम किसानों की लड़ाई लड़ेंगे. भरोसा दिलाया कि किसानों की हितों की रक्षा के लिए वे आवाज बुलंद करेंगे.
इंटरनेट पर भी खोला मोरचा
भूमि विधेयक के मुद्दे से जुड़ी लड़ाई को सोशल मीडिया में ले जाते हुए कांग्रेस ने रविवार को प्रस्तावित किसान रैली से पहले शनिवार को ‘जमीन वापसी’ वेबसाइट की शुरुआत की. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट जमीनवापसी डॉट कॉम’ (zameenwapsi.com) की शुरुआत की गयी है, क्योंकि मोदी सरकार इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के लिए ‘झूठ का पुलिंदा’ आगे बढ़ा रही है. ये वेबसाइट दो भाषाओं में है. यह गांव और शहरी इलाकों के किसानों के लिए अपने विचार और समस्याओं को रखने का माध्यम होगी.