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जम्मू-कश्मीर : मसरत की गिरफ्तारी के विरोध में बंद के दौरान हिंसा, गोलीबारी में एक मरा, दर्जनों घायल

श्रीनगर से अनिल एस साक्षी जम्मू : अलगाववादी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी के विरोध में शनिवार को भी जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई. बड़गाम जिले के नरबल में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की, जिसमें युवक सुहैल अहमद सोफी की […]

श्रीनगर से अनिल एस साक्षी

जम्मू : अलगाववादी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी के विरोध में शनिवार को भी जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई. बड़गाम जिले के नरबल में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की, जिसमें युवक सुहैल अहमद सोफी की मौत हो गयी, जबकि घाटी के कई हिस्सों में दर्जनों लोग जख्मी हो गये. सरकार ने युवक की मौत मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं.

मामले में एक एएसपी और एक सिपाही को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सुरक्षा बलों ने घटना के दौरान मानक परिचालन प्रक्रिया का पालन नहीं किया. मागम थाने में आरपीसी की धारा 302 समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. ज्ञात हो कि यहां हुर्रियत के कट्टरपंथी गुट की ओर से पिछले सप्ताह त्रल में दो युवकों के मारे जाने के विरोध में बंद का आयोजन किया गया था.

श्रीनगर-गुलमर्ग मार्ग पर श्रीनगर से 18 किमी दूर बड़गाम के नारबल गांव में शनिवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पर पथराव किया और सड़कों पर उतर कर वाहनों में भी तोड़फोड़ की. कई इलाकों में हालात पर काबू पाने के लिए अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया है. त्रल और उसके आसपास के क्षेत्रों से भी पथराव की खबरें हैं, जहां गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने जुलूस निकालने का आह्वान किया था.

गिलानी के नजरबंद करने के बाद इसकी अगुवाई हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरमपंथी गुट के अध्यक्ष मिरवाइज उमर फारूक को करना था. हालांकि, इससे पहले ही प्रशासन ने फारूक समेत कई अलगाववादी नेताओं को ‘एहतियातन’ नजरबंद कर दिया है. श्रीनगर के लाल चौक और इसके आसपास दुकानें, शैक्षणिक संस्थान, पेट्रोल पंप बंद रहे, जबकि सिविल लाइन क्षेत्र एवं मुख्य शहर खुले रहे. निजी वाहन, कैब, ऑटो रिक्शा सड़कों पर सामान्य रूप से नहीं चले.

पाक की मदद से चल रहा जिहाद

मुंबई हमले के मास्टर माइंड और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद ने कहा है कि अगर भारत कश्मीरियों को हक नहीं देता और उन पर गोली चलायी जायेगी, तो जिहाद ही एकमात्र रास्ता बचेगा. हाफिज ने कहा, पाकिस्तान ने हमेशा कश्मीरियों की आजादी के अधिकार के पक्ष में आवाज उठायी है. इसलिए जब भी पाक सेना कश्मीरियों की मदद के लिए उनका पक्ष लेती है, हम पूरी ताकत के साथ उनके पक्ष में खड़े होते हैं. हाफिज ने कहा, उसने (मसरत ने) कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा फहराया था, दिल्ली में नहीं. कश्मीर एक विवादित जगह है, इसलिए यह गलत नहीं है.

बोला पाक : कश्मीरी को आत्मनिर्णय का हक

शरीफ सरकार ने भी मसरत के पक्ष में कहा कि पाकिस्तान लगातार कश्मीरी जनता के आत्मनिर्णय के हक के संघर्ष को राजनीतिक, राजनयिक और नैतिक समर्थन देता रहा है. पाक सरकार भारतीय सुरक्षा बलों की शांतिपूर्ण और निहत्थे कश्मीरियों पर बल प्रयोग की निंदा करती है.
पुलिस ने यासीन मलिक और अग्निवेश को भी लिया हिरासत में

जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को शनिवार को उस वक्त हिरासत में ले लिया गया, जब वे मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले में नरबल की ओर मार्च कर रहे थे. पुलिस ने मैसुमा में इन दोनों को एहतियातन हिरासत में लिया. विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग बस्तियां बसाने के प्रस्ताव के खिलाफ 30 घंटे की भूख हड़ताल में शामिल होने के लिए अग्निवेश सुबह में मलिक के साथ हो लिये. मलिक ने कहा, ‘हम इन बस्तियों की किसी भी कीमत पर इजाजत नहीं देंगे. हम साथ जियेंगे, साथ मरेंगे. पंडित समुदाय को अपनी वापसी के लिए सरकार से बात करने की बजाय कश्मीर के लोगों से बात करना चाहिए.’

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